पटना. बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विजिलेंस समेत जांच एजेंसियों की कार्रवाई लगातार जारी है. ताजा मामला इंसपेक्टर रैंक के एक अधिकारी और वैशाली एसपी के पूर्व रीडर से जुड़ा है जो दूसरे भ्रष्ट अफसरों की तरह धनकुबेर निकला है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने अवर निरीक्षक स्तर के क्राइम रीडर के ठिकानों पर आज छापेमारी की. रीडर अनिल प्रसाद के पटना के तेजप्रताप नगर में स्थित 5000 वर्ग फीट जमीन पर निर्मित एक 5 मंजिला मकान और एक तीन मंजिला मकान की जब तलाशी ली तो कई चीजें निकलकर सामने आई.
अब तक की तलाशी के क्रम में सोना और चांदी का जेवरात पाया गया है जिसकी कुल कीमत साढ़े 5 लाख आंकी गई है. जमीन के छह डीड भी बरामद हुए हैं जिसकी कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपए पाया गया है. इसके अलावा दो डीड जिसकी कीमत 10 लाख से अधिक की है उसे बैंक में बंधक रखकर ऋण लिया गया है. 17 बैंकों के पास बुक के अलावा पांच डेबिट कार्ड भी मिला है. बजाज एलियांज, आईसीआईसीआई में निवेश से संबंधित कागजात भी बरामद किए गए हैं, इसके अलावा एक क्रेटा और एक मारुति सुजुकी स्विफ्ट के कागजात भी निगरानी की टीम ने जब्त किया है.
अनिल प्रसाद के मकान के ग्राउंड फ्लोर पर महाराजा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टायर गोदाम दूसरे फ्लोर पर एनएचएआई यानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का कार्यालय, थर्ड फ्लोर पर कंप्यूटर हब फोर्थ फ्लोर पर आईसीआईसीआई बैंक के फाइनेंसर का कार्यालय पाया गया है. तलाशी अभी भी ली जा रही है. दरअसल निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने पुलिस अवर निरीक्षक के स्तर के क्राइम रीडर के खिलाफ एक करोड़ 55 लाख 39 हजार रुपए का प्रत्यय अनुपातिक धनाराजन का कांड दर्ज कर अनुसंधान किया है.
अनुसंधान के क्रम में न्यायालय के आदेश अनुसार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने शनिवार को उनके पटना और के ठिकाने पर छापेमारी की है
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