बिहार में नियोजित शिक्षकों (Bihar Contract Teachers) की मौत का सिलसिला लगातार जारी है. दो दिनों के दौरान राज्य के अलग-अलग जिलों में चार नियोजित शिक्षकों ने दम तोड़ दिया है. बिहार के नियोजित शिक्षक समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर पिछले कई महीनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) पर हैं. इस बीच जानकारी मिली है कि बगहा, पूर्णिया, शेखपुरा और मधुबनी के शिक्षकों ने हड़ताल की अवधि में ही दम तोड़ दिया है.
हड़ताल अवधि के दौरान बिहार में अब तक 60 शिक्षकों की मौत हो गई है, वहीं कई शिक्षक वेतन के अभाव में अपनी बीमारी का इलाज नहीं करा पा रहे हैं. बिहार में हड़ताली शिक्षकों का वेतान 3 माह से बंद है. सरकार द्वारा शिक्षकों की हड़ताल खत्म कराने के कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन शिक्षक संघ के पत्र के बाद भी अब तक वार्ता नहीं हुई है. लॉकडाउन की अवधि में सरकार बिहार के नियोजित शिक्षकों से वार्ता करना नहीं चाह रही है. वहीं दूसरी ओर शिक्षकों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है और उनकी मौत का सिलसिला लगातार जारी है.
मालूम हो कि समान काम समान वेतन को लेकर शिक्षकों का मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है, जिसमें कोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला नहीं दिया था. इसके बाद भी बिहार के नियोजित शिक्षकों की हड़ताल जारी है. बिहार के लगभग साढे़ तीन लाख नियोजित शिक्षकों ने मैट्रिक और इंटर की परीक्षा के दौरान हड़ताल पर जाने का निर्णय किया था और उसके बाद से लगातार हड़ताल पर चल रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 23, 2020, 20:15 IST