पटना. सचिवालय स्थित भवन निर्माण विभाग में माली पद पर नियुक्ति के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करने के मामले में पुलिस को खास सुराग हाथ लगे हैं. इस मामले में गिरफ्तार कौशलेंद्र की साठगांठ उद्योग विभाग के अधिकारी से रही है. फिलहाल. पुलिस उस अधिकारी के बारे में बताने से बच रही है.
पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार कौशलेंद्र कुमार को जेल भेज दिया है. कौशलेंद्र मूलरूप से जहानाबाद जिले का रहनेवाला है. ठगे गए 4 अभ्यर्थियों की लिखित शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. बड़ी बात है कि उद्योग विभाग के एक अधिकारी से कौशलेंद्र के साठगांठ के प्रमाण मिले हैं. इसी कारण से उसका विकास भवन में धड़ल्ले से आना-जाना जारी था. यही कारण था कि वह उद्योग भवन के वेटिंग रूम में बैठकर अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेता रहा था.
इस मामले में हर अभ्यर्थी से माली के पद पर नौकरी लगाने के लिए 5-5 लाख रुपए लिए गए थे. ठगी का शिकार हुए प्रेमराज, सुमन समेत कई अन्य ने बताया कि कौशलेंद्र का मोबाइल भी पुलिस को सौंपा गया है. जब लड़कों ने कौशलेंद्र को विकास भवन के पास पकड़ा था, तो उसके मोबाइल का लॉक खुला था. उस दौरान उसमें 150 से अधिक अभ्यर्थियों के दस्तावेज और कई अधिकारियों के नंबर सेव मिले थे. इस बात की जानकारी सचिवालय थाने की पुलिस को भी दी गई थी. अभ्यर्थियों की मानें तो विकास भवन के गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के नंबर भी सुरक्षित हैं. कई बार वह खुद नीचे न आकर सुरक्षाकर्मियों को कॉल कर देता था, जिसके बाद उससे मिलने आए लोगों को विकास भवन में प्रवेश करा दिया जाता था.
गिरोह के सरगना अमित की पहचान करने में पुलिस जुट गई है. हालांकि अब तक पुलिस को यह भी नहीं पता कि अमित उसका असली नाम है भी या नहीं. उसने सुमन समेत अन्य अभ्यर्थियों को अपने घर का पता केवल मुजफ्फरपुर बताया था. कौशलेंद्र की गिरफ्तारी के बाद से अमित का मोबाइल स्विच्ड ऑफ है.
शुरुआती जांच में मालूम हुआ है कि अमित अभ्यर्थियों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर विकास भवन तक बुलाता था. इसके बाद कौशलेंद्र उन्हें उद्योग भवन के वेटिंग रूम में ले जाकर साक्षात्कार लेता था. साक्षात्कार के बाद अमित अभ्यर्थियों से 5-5 लाख नकदी लेता था, फिर उनके घर पर नियुक्तिपत्र भेजा जाता था. नियुक्ति पत्र लेकर जब अभ्यर्थी विश्वेश्वरैया भवन स्थित भवन निर्माण विभाग के कार्यालय पहुंचता तो वहां तीसरा आदमी मिलता, जो विभिन्न सरकारी आवासों और बंगलों में उन्हें माली का काम करने के लिए भेजता था. इसे लेकर जब पटना के सिटी एसपी अंबरीश राहुल से बातचीत की गई तो उनका यह कहना था कि इस मामले को गंभीर मानते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. गिरफ्तार कौशलेंद्र को जेल भेज दिया गया है. गिरोह के सरगना तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. अनुसंधान अभी लगातार जारी है.
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