लड़की को महंगा पड़ा गांव के लड़के से प्यार, चाचा और फूफा ने चलती ट्रेन से फेंका
नाबालिक लड़की को गांव के ही लड़के से प्यार करना मंहगा पड़ा गया. ये बात उसके परिवार को नागावार गुजरी और लड़की के चाचा और फूफा ने उसे मोकामा-किउल रेलखंड के बीच डुमरी हाल्ट पर चलती ट्रेन से फ़ेंक दिया.
- ETV Bihar/Jharkhand
- Last Updated: October 4, 2017, 11:30 AM IST
नाबालिग लड़की को गांव के ही लड़के से प्यार करना मंहगा पड़ा गया. ये बात उसके परिवार को इस कदर नागावार गुजरी और लड़की के चाचा और फूफा ने उसे चलती ट्रेन से फेंक दिया. लड़की मोकामा-किउल रेलखंड के बीच डुमरी हाल्ट पर जख्मी अवस्था में मिली.
स्थानीय लोगों की सूचना पर बड़हिया जीआरपी ने जख्मी लड़की को सदर अस्पताल लखीसराय इलाज के लिए भर्ती कराया. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए पटना भेज दिया गया.लड़की की पहचान नवादा जिले के पकड़ीबरमा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी युगेश्वर पासवान की पुत्री के तौर पर की गई है.
ट्रेन से फेंके जाने से लड़की का बायां पैर टूट गया है. लड़की के बयान पर चाचा और फूफा को नामजद किया गया है. रेल डीएसपी सियाराम प्रसाद गुप्ता की मानें तो लड़की (काल्पनिक नाम) सोनी का गांव के ही युवक के साथ प्रेम-प्रसंग है. इस कारण उसके चाचा एवं फूफा ने मिलकर घटना का अंजाम दिया.
उन्होनें बताया कि घटना के बाद सोनी को उसके पिता को सौंप दिया गया है. 29 सितंबर को सोनी अपनी मामी के साथ मेला देखने कौवाकौल गई थी. इसी दौरान वह मामी की आंख मे धूल झोंककर अपने प्रेमी के साथ निकल पड़ी.परिजन 1 अक्टूबर को उसे खोजकर लाये. गांव में बदनामी होने के कारण पिता ने सोनी को मौसी के यहां पहुंचाने के लिए अपने भाई व बहनोई के साथ भेज दिया. नवादा से लखीसराय आने के बाद दोनों सोनी को लेकर मोकामा की ओर जानेवाली ईएमयू ट्रेन पर सवार हो गए और रास्ते में चलती ट्रेन से फेंक दिया.
स्थानीय लोगों की सूचना पर बड़हिया जीआरपी ने जख्मी लड़की को सदर अस्पताल लखीसराय इलाज के लिए भर्ती कराया. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए पटना भेज दिया गया.लड़की की पहचान नवादा जिले के पकड़ीबरमा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी युगेश्वर पासवान की पुत्री के तौर पर की गई है.
ट्रेन से फेंके जाने से लड़की का बायां पैर टूट गया है. लड़की के बयान पर चाचा और फूफा को नामजद किया गया है. रेल डीएसपी सियाराम प्रसाद गुप्ता की मानें तो लड़की (काल्पनिक नाम) सोनी का गांव के ही युवक के साथ प्रेम-प्रसंग है. इस कारण उसके चाचा एवं फूफा ने मिलकर घटना का अंजाम दिया.
उन्होनें बताया कि घटना के बाद सोनी को उसके पिता को सौंप दिया गया है. 29 सितंबर को सोनी अपनी मामी के साथ मेला देखने कौवाकौल गई थी. इसी दौरान वह मामी की आंख मे धूल झोंककर अपने प्रेमी के साथ निकल पड़ी.परिजन 1 अक्टूबर को उसे खोजकर लाये. गांव में बदनामी होने के कारण पिता ने सोनी को मौसी के यहां पहुंचाने के लिए अपने भाई व बहनोई के साथ भेज दिया. नवादा से लखीसराय आने के बाद दोनों सोनी को लेकर मोकामा की ओर जानेवाली ईएमयू ट्रेन पर सवार हो गए और रास्ते में चलती ट्रेन से फेंक दिया.