आपके लिए इसका मतलब! इन 5 चुनौतियों से पार पा लेंगे तो बिहार में बनी रहेगी नीतीश सरकार, जानें क्या है खतरा!

नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
Bihar Politics: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के सामने एक बड़ी चुनौती अपने दो सहयोगियों, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) व विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) को साथ रखने की भी रहेगी.
- News18Hindi
- Last Updated: January 2, 2021, 11:14 AM IST
पटना. बिहार में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में एनडीए की सरकार (NDA Government) चल तो रही है, लेकिन फिलहाल वह मजबूती नहीं दिख रही है जो बीते वर्षों में रही है. चुनाव नतीजों में बहुमत और अल्पमत के बीच बहुत अधिक सीटों का अंतर नहीं होने से विधायकों के कभी भी पाला बदलने के खतरे के बीच चल रही सरकार को लेकर हर वक्त संशय बरकरार है. बिहार एनडीए की राजनीति में जेडीयू (JDU) का बीजेपी (BJP) के सामने 'छोटे भाई' की भूमिका में रहना भी पार्टी व इसके नेताओं के लिए मुश्किल स्थितियां पैदा कर रही हैं. ऐसे में सीएम नीतीश कुमार के सामने सरकार व पार्टी स्तर पर दोहरी चुनौती है.
सीएम नीतीश कुमार के सामने सबसे पहली चुनौती सरकार पर नियंत्रण का है. दरअसल सरकार पर नियंत्रण का मतलब है कि नीतीश कुमार को जब मंत्रिमंडल का विस्तार करना होगा तो जेडीयू के ज्यादा विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करना. दरअसल इस बार जेडीयू के विधायकों की संख्या कम (43) है और अगर इसी अनुपात में मंत्रिमंडल का विस्तार होता है तो मुश्किल यह भी होगी कि भाजपा के मंत्री ज्यादा होंगे और जेडीयू के कम. ऐसे में सरकार के ऊपर नीतीश कुमार का नियंत्रण कैसे होगा यह देखना दिलचस्प रहेगा.
सीएम नीतीश कुमार के सामने सबसे पहली चुनौती सरकार पर नियंत्रण का है. दरअसल सरकार पर नियंत्रण का मतलब है कि नीतीश कुमार को जब मंत्रिमंडल का विस्तार करना होगा तो जेडीयू के ज्यादा विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करना. दरअसल इस बार जेडीयू के विधायकों की संख्या कम (43) है और अगर इसी अनुपात में मंत्रिमंडल का विस्तार होता है तो मुश्किल यह भी होगी कि भाजपा के मंत्री ज्यादा होंगे और जेडीयू के कम. ऐसे में सरकार के ऊपर नीतीश कुमार का नियंत्रण कैसे होगा यह देखना दिलचस्प रहेगा.
मजबूत विपक्ष से नीतीश का सामना
दूसरी बड़ी चुनौती होगी कि मजबूत विपक्ष का सामना करना. दरअसल पहली बार ऐसा हो रहा है बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार के सामने एक मजबूत विपक्ष भी है. 243 सदस्यीय विधानसभा में 115 विधायक नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ हैं. सबसे बड़ी बात यह भी है कि ऐसा लग रहा है कि अगर विपक्ष मजबूती के साथ सरकार के फैसलों पर सवाल उठाए, या सरकार की कमियों को दिखाए या जनता तक अपनी बात पहुंचा पाए तो आगे के लिए नीतीश कुमार इस गठबंधन के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. क्योंकि मजबूत विपक्ष का सामना नीतीश कुमार कैसे करेंगे यह भी देखना बेहद महत्वपूर्ण होगा. विशेष बात यह कि इसी वर्ष सरकार का पहला बजट भी आने वाला है. इस बजट में विपक्ष किन मुद्दों पर सरकार को खेलता है और सरकार से बचने के लिए क्या कुछ करती है यह भी देखना होगा.