COVID-19 से बचने के लिए पटना के टेक्सटाइल इंजीनियर ने तैयार किया खास फैब्रिक कैमिकल

पटना के टेक्सटाइल इंजीनियर कोरोना वायरल से बचने से लिए खास कैमिकल बनाने का दावा किया है.
Patna News: पटना (Patna) के युवा टेक्सटाइल इंजीनियर (Textile Engineer) हर्ष लाल और उनकी टीम ने कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए एक खास केमिकल तैयार करने का दावा किया है. इसे कपड़ों पर लगाकर इस्तेमाल किया जा सकता है.
- News18 Bihar
- Last Updated: February 23, 2021, 3:43 PM IST
पटना. केरल, महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में एक बार फिर से कोरोना (COVID-19) का कहर देखने को मिल रहा है. एक बार फिर तेजी से कोविड-19 संक्रमण फैला रहा है. इस बीच पटना (Patna) के युवा टेक्सटाइल (Textile Engineer) इंजीनियर हर्ष लाल और उनकी टीम ने कोरोना से लड़ने के लिए एक ऐसा केमिकल तैयार किया है जो एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल है. इसे वायरोसाइड्स नाम दिया गया है. इसे बनाने वाले हर्ष का दावा है कि इस केमिकल को विभिन्न तरह के फैब्रिक के लिहाज से तैयार किया है. इस खास केमिकल का लेप किसी भी तरह के कपड़े पर लगाया जा सकता है जैसे चादर, पर्दा, टेबल क्लॉथ, डेली यूज के कपड़े.
हर्ष की मानें तो इस केमिकल की खासियत यह है कि यह कोरोना सहित किसी भी वायरस, बैक्टीरिया और फंगस के संक्रमण के फैलने से रोकने में कारगर है. इतना ही नहीं इसे कई फेबरिक पर लगाकर इसकी गुणवत्ता एपेक्स टेस्टिंग एंड रिसर्च लैबोरेटरी के अलावा यूरोफेंस लैब में भी प्रशिक्षण करवाया गया है. इन दोनों संस्थानों के द्वारा इस प्रोडक्ट से जुड़े क्लेम को वेरिफाई किया है.
चार महीने में बनाया केमिकल
हर्ष के साथी सत्येन्द्र कहते हैं कि लगभग तीन से चार महीने तक लगातार प्रयोग कर इस प्रोडक्ट को तैयार किया गया है. इतना ही नहीं सत्येंद्र का यह भी कहना है कि इस केमिकल को जिन कपड़ों में लगाई गई है उसकी गुणवत्ता 75 धुलाई तक बरकरार रहेगी. हालांकि इसकी लाइफ 125 धुलाई तक है. बताते चले कि हर्ष पटना के ही बोरिंग रोड के रहने वाले हैं और ये दिल्ली आईआईटी से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में बीटेक कर चुके हैं. हर्ष ने बताया कि उनकी कंपनी आईआईटी दिल्ली और आईआईटी पटना से सपोर्टेड है. जल्द ही कंपनी की ओर से आईआईटी पटना और एम्स पटना को 30 और 50 चादरें उपयोग के लिए निशुल्क दी जाएगी.
हर्ष की मानें तो इस केमिकल की खासियत यह है कि यह कोरोना सहित किसी भी वायरस, बैक्टीरिया और फंगस के संक्रमण के फैलने से रोकने में कारगर है. इतना ही नहीं इसे कई फेबरिक पर लगाकर इसकी गुणवत्ता एपेक्स टेस्टिंग एंड रिसर्च लैबोरेटरी के अलावा यूरोफेंस लैब में भी प्रशिक्षण करवाया गया है. इन दोनों संस्थानों के द्वारा इस प्रोडक्ट से जुड़े क्लेम को वेरिफाई किया है.
चार महीने में बनाया केमिकल
हर्ष के साथी सत्येन्द्र कहते हैं कि लगभग तीन से चार महीने तक लगातार प्रयोग कर इस प्रोडक्ट को तैयार किया गया है. इतना ही नहीं सत्येंद्र का यह भी कहना है कि इस केमिकल को जिन कपड़ों में लगाई गई है उसकी गुणवत्ता 75 धुलाई तक बरकरार रहेगी. हालांकि इसकी लाइफ 125 धुलाई तक है. बताते चले कि हर्ष पटना के ही बोरिंग रोड के रहने वाले हैं और ये दिल्ली आईआईटी से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में बीटेक कर चुके हैं. हर्ष ने बताया कि उनकी कंपनी आईआईटी दिल्ली और आईआईटी पटना से सपोर्टेड है. जल्द ही कंपनी की ओर से आईआईटी पटना और एम्स पटना को 30 और 50 चादरें उपयोग के लिए निशुल्क दी जाएगी.