तबरेज अंसारी लिंचिंग पर कन्हैया कुमार बोले- नफरत की आग किसी को भी जला सकती है

कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने ट्वीट कर लिखा, भीड़ द्वारा किसी इंसान की हत्या को स्वाभाविक मौत मानने वालों को याद रहे कि भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध को भी नहीं छोड़ा था.
कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने ट्वीट कर लिखा, 'भीड़ द्वारा किसी इंसान की हत्या को स्वाभाविक मौत मानने वालों को याद रहे कि भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध को भी नहीं छोड़ा था.
- News18 Bihar
- Last Updated: September 11, 2019, 6:34 PM IST
पटना. झारखंड के सरायकेला-खरसावां में हुई तबरेज अंसारी लिंचिंग (Tabrez Ansari Lynching) के मामले में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने प्रतिक्रिया दी है. कन्हैया ने कहा कि नफरत की आग किसी को भी जला सकती है. कन्हैया ने ट्वीट कर लिखा, 'भीड़ द्वारा किसी इंसान की हत्या को स्वाभाविक मौत मानने वालों को याद रहे कि भीड़ ने इंसपेक्टर सुबोध को भी नहीं छोड़ा था. यह नफरत की आग किसी को भी जला सकती है. इससे पहले कि यह भीड़ की मानसिकता सबकुछ खत्म कर दे, नफरत की इस मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है.'
बदली गईं धाराएंदरअसल, तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में नया मोड़ आ गया है. सभी 11 आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला नहीं चलाने और धाराओं को बदल कर गैर-इरादतन हत्या (Culpable Homicide) मामला दर्ज किया गया है. इसे लेकर पुलिस को चौरतफा आलोचना झेलनी पड़ रही है.

पुलिस की सफाई
इस मामले में सरायकेला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्तिक एस ने सफाई दी है. न्यूज़ 18 से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि इस मामले में धारा 302 को ड्रॉप नहीं किया गया है, बल्कि उसे 304 में बदला गया है. इस मामले में 13 लोगों के नाम सामने आए हैं. उनमें से 11 को पहले गिरफ्तार किया था. इनके खिलाफ तेजी से जांच पूरी कर चार्जशीट फाइल की गई. बाकी दो आरोपियों को हाल में गिरफ्तार किया गया है, जिनके खिलाफ जांच अभी जारी है.
भीड़ ने पोल से बांधकर रात भर पीटा था
बता दें कि बीते 17 जून की रात को मृतक तबरेज अंसारी जमशेदपुर स्थित अपने रिश्तेदार (बुआ) के घर से सरायकेला खरसावां स्थित अपने गांव कदमडीहा लौट रहा था. इसी दौरान रास्ते में धातकीडीह गांव में ग्रामीणों ने मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में उसे पकड़ लिया और पोल से बांधकर रात भर उसकी पिटाई की. इस दौरान कथित रूप से उससे 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे भी लगवाये गये. ग्रामीणों ने दूसरे दिन सुबह उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. पुलिस ने घायल तबरेज का इलाज सदर अस्पताल में कराया, फिर शाम को उसे जेल भेज दिया था. इसके चार दिन बाद 22 जून की सुबह दोबारा तबरेज अंसारी को जेल से गंभीर हालत में सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
इस मामले में पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. साथ ही खरसावां थाना प्रभारी और सिनी ओपी प्रभारी को ड्यूटी में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया था. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था.
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भीड़ द्वारा किसी इंसान की हत्या को स्वाभाविक मौत मानने वालों को याद रहे कि भीड़ ने इंसपेक्टर सुबोध को भी नहीं छोड़ा था। यह नफरत की आग किसी को भी जला सकती है। इससे पहले कि यह भीड़ की मानसिकता सबकुछ खत्म कर दे, नफरत की इस मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है।#TabrezAnsari
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) September 10, 2019
बदली गईं धाराएंदरअसल, तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में नया मोड़ आ गया है. सभी 11 आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला नहीं चलाने और धाराओं को बदल कर गैर-इरादतन हत्या (Culpable Homicide) मामला दर्ज किया गया है. इसे लेकर पुलिस को चौरतफा आलोचना झेलनी पड़ रही है.

मॉब लिंचिंग के शिकार तबरेज अंसारी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने 11 आरोपियों पर मामले की धाराओं में बदलाव किया है (फाइल फोटो)
पुलिस की सफाई
इस मामले में सरायकेला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्तिक एस ने सफाई दी है. न्यूज़ 18 से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि इस मामले में धारा 302 को ड्रॉप नहीं किया गया है, बल्कि उसे 304 में बदला गया है. इस मामले में 13 लोगों के नाम सामने आए हैं. उनमें से 11 को पहले गिरफ्तार किया था. इनके खिलाफ तेजी से जांच पूरी कर चार्जशीट फाइल की गई. बाकी दो आरोपियों को हाल में गिरफ्तार किया गया है, जिनके खिलाफ जांच अभी जारी है.
भीड़ ने पोल से बांधकर रात भर पीटा था
बता दें कि बीते 17 जून की रात को मृतक तबरेज अंसारी जमशेदपुर स्थित अपने रिश्तेदार (बुआ) के घर से सरायकेला खरसावां स्थित अपने गांव कदमडीहा लौट रहा था. इसी दौरान रास्ते में धातकीडीह गांव में ग्रामीणों ने मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में उसे पकड़ लिया और पोल से बांधकर रात भर उसकी पिटाई की. इस दौरान कथित रूप से उससे 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे भी लगवाये गये. ग्रामीणों ने दूसरे दिन सुबह उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. पुलिस ने घायल तबरेज का इलाज सदर अस्पताल में कराया, फिर शाम को उसे जेल भेज दिया था. इसके चार दिन बाद 22 जून की सुबह दोबारा तबरेज अंसारी को जेल से गंभीर हालत में सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
इस मामले में पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. साथ ही खरसावां थाना प्रभारी और सिनी ओपी प्रभारी को ड्यूटी में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया था. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था.
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