रिपोर्ट: सच्चिदानंद
पटना. कहा जाता है की हिम्मत और जज्बा रहने से कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है. ऐसी ही कुछ कहानी है पटना में रहने वाले दिव्यांग सोनू की. बचपन से पोलियो के कारण दिव्यांग हुए सोनू भले ही बिना सहारे के चल नहीं सकते, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी. इंजीनियरिंग करने के बाद कुछ अलग करने का ठाना और उसमें सफल भी हुए. आज सोनू सोशल मीडिया के जरिए अपने जैसे कई दिव्यांगों को प्रेरणा दे रहे हैं
28 साल के सोनू ने कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की है. वर्ष 2010 में इन्होंने पहली बार स्कूटी को चार पहिया में बदल दिया. 2016 में इंजीनियरिंग करने के बाद सोशल मीडिया पर काम करने लगे और उसके बाद सोशल मीडिया की कमाई से इन्होंने एक बाइक खरीदी और खुद इसको डिजाइन करके ड्रीम बाइक में बदलवा दिया. सोनू ने एवेंजर 220 क्रूज ब्रांड के बाइक को चार पहिया बनाने के लिए डिजाइन के साथ एक स्थानीय डेंटर के पास जाकर इसको मॉडिफाई करवाया. इसमें गियर को पैर की जगह हाथ से डालने की व्यवस्था करवाई. अपने बैसाखी को रखने के लिए एक अलग ट्रैक बनवाया
मॉडिफाई बाइक की लागत
सोनू ने बताया कि एवेंजर 220 क्रूज बाइक को इन्होंने 162000 में खरीदा था. उसे अपने लायक मॉडिफाई करवाने में 30 हजार का खर्च आया. सोनू चाहते तो दूसरी बाइक भी खरीद सकते थे. कम दाम में हो भी जाता, लेकिन यह उनकी ड्रीम बाइक थी. इसके लिए लगभग दो लाख का खर्च सोशल मीडिया की कमाई से किया.
दिव्यांगों को करते हैं प्रेरित
“सोनू द राइडर” के नाम से सोनू कुमार सोशल मीडिया पर मोटो ब्लॉगिंग करते हैं. दिव्यांगों को प्रेरित करने के मकसद से किसी राइड पर निकलते हैं. सोनू का कहना है कि सभी लोगों का भरपूर सहयोग मिलता है. सोशल मीडिया के जरिए भी कई दिव्यांगों को प्रेरित करते रहते हैं. उन्होंने दिव्यांगों से कहा कि अपने आप को कमजोर ना समझें. भगवान एक शक्ति छीनता है तो दूसरी दे देता है. उस शक्ति को पहचानिए और काम में लग जाइए.
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