तो क्या लालू यादव की कुर्सी पर है तेजस्वी यादव की नजर ?

तेजस्वी यादव को लालू यादव ने अपनी राजनीतिक विरासत सौंपी थी, लेकिन परिवार में इसपर मतभेद हैं.
बिहार के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि तेजस्वी अंदर ही अंदर कोई बड़ा गेमप्लान कर रहे हैं. हालांकि आरजेडी के नेता तो इसपर कुछ नहीं बोल रहे.
- News18 Bihar
- Last Updated: August 13, 2019, 5:20 PM IST
लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi yadav) क्या खुद राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya janta dal) के अध्यक्ष बनना चाहते हैं? दरअसल ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि तेजस्वी आरजेडी (RJD) के अधिकतर कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे हैं. पार्टी का स्थापना दिवस हो या फिर आरजेडी का सदस्यता अभियान, तेजस्वी कहीं नहीं दिखाई पड़े. पार्टी के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो तेजस्वी यादव जानबूझकर दूरी बनाए हुए हैं. तेजस्वी की महत्वाकांक्षा इतनी बढ़ गई है कि वह लालू पार्टी को पूरी तरह अपने कब्जे में लेना चाहते हैं.
लालू की कुर्सी पर तेजस्वी की नजर
हालांकि पार्टी के नेताओं के पास इस सवाल का सीधा जवाब नहीं है, और जिसके पास जवाब है (तेजस्वी यादव), वो खुद लापता हैं. बिहार के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि तेजस्वी अंदर ही अंदर कोई बड़ा गेमप्लान कर रहे हैं. हालांकि आरजेडी के नेता तो इसपर कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन जेडीयू के नेता संजय सिंह साफ कहते हैं कि तेजस्वी यादव की नजर लालू यादव की कुर्सी पर है और वह इसपर कब्जा करने की जुगत में लगे हैं.
लालू ने पकड़ ली तेजस्वी की चाल!संजय सिंह कहते हैं, तेजस्वी के तौर-तरीकों और हरकतों से साफ समझा जा सकता है कि वे अपनी बड़ी बहन मीसा भारती और बड़े भाई तेजप्रताप यादव को किनारे करने में लगे हैं. हालांकि लालू यादव मंझे हुए खिलाड़ी हैं, वे ऐसा नहीं करेंगे. मुलायम सिंह यादव की तरह लालू ऐसी कोई गलती नहीं दोहराएंगे, जिससे उनके हाथ से सत्ता भी चली जाए और अखिलेश यादव की तरह तेजस्वी उनपर भी हावी हो जाएं.

पार्टी के कार्यक्रमों से तेजस्वी की दूरी
हालांकि इस मसले पर आरजेडी के नेता खुले तौर पर कुछ भी नहीं कहते, लेकिन पार्टी के भीतर अंदरखाने में इस बात को लेकर बेहद असमंजस की स्थिति है कि तेजस्वी यादव आखिर पार्टी के कार्यक्रमों से दूर क्यों रह रहे हैं. पार्टी के कई बड़े नेता इस सच्चाई को जानते भी हैं, लेकिन साफ-साफ बोलने की हिम्मत किसी किसी की नहीं है.
खुलकर नहीं बोल रहे RJD के नेता
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी कहते हैं- 'मुझे नहीं लगता है कि तेजस्वी लालू यादव को जबरन पलटकर वो राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहते हैं.' हालांकि हमको ये नहीं पता चल रहा है कि आखिर वे क्यों दूरी बना रहे हैं? तिवारी कहते हैं कि लालू यादव ने पूरा भरोसा कर उन्हें अपनी विरासत सौंपी है. ये पता नहीं लग पा रहा है कि आखिर पार्टी में ऐसी स्थिति क्यों उभरी है?
क्या होगा खींचतान का अंजाम?
बहरहाल लालू यादव ने तेजस्वी यादव को भले ही अपना उत्तराधिकारी मान लिया हो, लेकिन परिवार के भीतर इस बात को लेकर ना सिर्फ मनभेद और मतभेद है बल्कि लोकसभा चुनाव में तो तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच चल रहा सत्ता संघर्ष सबके सामने कई बार उजागर भी हो चुका है. लालू परिवार के भीतर एक तरफ तेजस्वी तो दूसरी ओर तेजप्रताप-मीसा भारती ताल ठोक रहे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर लालू परिवार के भीतर आखिर इस प्रतियोगिता का क्या अंजाम होता है.
रिपोर्ट- अमित कुमार सिंह
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लालू की कुर्सी पर तेजस्वी की नजर
हालांकि पार्टी के नेताओं के पास इस सवाल का सीधा जवाब नहीं है, और जिसके पास जवाब है (तेजस्वी यादव), वो खुद लापता हैं. बिहार के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि तेजस्वी अंदर ही अंदर कोई बड़ा गेमप्लान कर रहे हैं. हालांकि आरजेडी के नेता तो इसपर कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन जेडीयू के नेता संजय सिंह साफ कहते हैं कि तेजस्वी यादव की नजर लालू यादव की कुर्सी पर है और वह इसपर कब्जा करने की जुगत में लगे हैं.
लालू ने पकड़ ली तेजस्वी की चाल!संजय सिंह कहते हैं, तेजस्वी के तौर-तरीकों और हरकतों से साफ समझा जा सकता है कि वे अपनी बड़ी बहन मीसा भारती और बड़े भाई तेजप्रताप यादव को किनारे करने में लगे हैं. हालांकि लालू यादव मंझे हुए खिलाड़ी हैं, वे ऐसा नहीं करेंगे. मुलायम सिंह यादव की तरह लालू ऐसी कोई गलती नहीं दोहराएंगे, जिससे उनके हाथ से सत्ता भी चली जाए और अखिलेश यादव की तरह तेजस्वी उनपर भी हावी हो जाएं.

राजनीतिक जानकारों की मानें तो लालू यादव अपने रहते तेजस्वी यादव को पार्टी का अध्यक्ष बनने देंगे ऐसी संभावना कम है.
पार्टी के कार्यक्रमों से तेजस्वी की दूरी
हालांकि इस मसले पर आरजेडी के नेता खुले तौर पर कुछ भी नहीं कहते, लेकिन पार्टी के भीतर अंदरखाने में इस बात को लेकर बेहद असमंजस की स्थिति है कि तेजस्वी यादव आखिर पार्टी के कार्यक्रमों से दूर क्यों रह रहे हैं. पार्टी के कई बड़े नेता इस सच्चाई को जानते भी हैं, लेकिन साफ-साफ बोलने की हिम्मत किसी किसी की नहीं है.
खुलकर नहीं बोल रहे RJD के नेता
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी कहते हैं- 'मुझे नहीं लगता है कि तेजस्वी लालू यादव को जबरन पलटकर वो राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहते हैं.' हालांकि हमको ये नहीं पता चल रहा है कि आखिर वे क्यों दूरी बना रहे हैं? तिवारी कहते हैं कि लालू यादव ने पूरा भरोसा कर उन्हें अपनी विरासत सौंपी है. ये पता नहीं लग पा रहा है कि आखिर पार्टी में ऐसी स्थिति क्यों उभरी है?
क्या होगा खींचतान का अंजाम?
बहरहाल लालू यादव ने तेजस्वी यादव को भले ही अपना उत्तराधिकारी मान लिया हो, लेकिन परिवार के भीतर इस बात को लेकर ना सिर्फ मनभेद और मतभेद है बल्कि लोकसभा चुनाव में तो तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच चल रहा सत्ता संघर्ष सबके सामने कई बार उजागर भी हो चुका है. लालू परिवार के भीतर एक तरफ तेजस्वी तो दूसरी ओर तेजप्रताप-मीसा भारती ताल ठोक रहे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर लालू परिवार के भीतर आखिर इस प्रतियोगिता का क्या अंजाम होता है.
रिपोर्ट- अमित कुमार सिंह
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