लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को हिटलर बताया है (फाइल फोटो) (फाइल फोटो)
पटना. बिहार की सियासत में उस समय भूचाल आता दिखा जब शुक्रवार की दोपहर बाद से ही राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD Bihar President Jagdanand Singh) के इस्तीफे की खबर आई. खबर यह भी आई कि जगदानंद सिंह राजद कार्यालय भी नहीं पहुंचे हैं. आनन-फानन में मीडियाकर्मी दौड़े-दौड़े आरजेडी कार्यालय पहुंचे. हालांकि मीडियाकर्मियों को उस समय निराशा हाथ लगी जगदानंद बाबू वहां पहले से मौजूद थे. लेकिन, सूत्रों से जो खबर आई वह यह थी कि जगदानंद बाबू शुक्रवार को अपने निर्धारित समय से काफी लेट पहुंचे थे. मीडियाकर्मियों ने भी देखा कि उनके चेहरे पर एक निश्चिंतता का भाव दिख रहा था.
जब मीडियाकर्मियों ने उनसे पूछा कि क्या आपने इस्तीफा दे दिया है, तो वह कुछ भी बोलने से बचते रहे. न तो उन्होंने इस्तीफे की खबर की पुष्टि की और न ही इस खबर का खंडन ही किया. जाहिर है जगदा बाबू जैसे कद्दावर नेता का कुछ भी टिप्पणी न करना एक कन्फ्यूजन तो जरूर पैदा कर रहा था. राजद के ही अंदरूनी सूत्रों से जगदानंद सिंह के इस्तीफे की जो बातें सामने आई थीं, उसके अनुसार सियासत की पारखी नजरों को कुछ हद तक सच्चाई दिख रही थी. जगदा बाबू कुछ बोल नहीं रहे थे, लेकिन मीडियाकर्मियों से यह भी कह रहे थे कि आप स्वतंत्र हैं, जो छापना है छापिये. उनका चेहरा बता रहा था कि वह किसी मुक्ति का एहसास कर रहे हैं.
डैमेज कंट्रोल करने दिल्ली पहुंचे तेजस्वी
जगदा बाबू के इस्तीफे की खबर फैल जाने के पीछे बड़ी वजह तेजस्वी का अचानक दिल्ली जाना भी रहा. कहा गया कि तेजस्वी के पास जगदा बाबू का इस्तीफा पहुंच गया था. उन्होंने लालू यादव को भी इस्तीफा भेज दिया था. लेकिन, उनका त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया गया. तेजस्वी के बारे में यही जानकारी आई कि वह डैमेज कंट्रोल करने दिल्ली चले गए.
लालू यादव के प्रति बेहद लॉयल हैं जगदा बाबू
खबरों में कितनी सच्चाई है यह तो लालू प्रसाद, जगदानंद सिंह और तेजस्वी यादव बेहतर जानते हैं. लेकिन सियासी सूत्र यही बता रहे हैं कि तेजस्वी डैमेज कंट्रोल करने में कामयाब रहे और लालू को आगे कर एक बार फिर जगदा बाबू को यू-टर्न लेने पर मजबूर कर दिया. सभी जानते हैं कि बिहार की सियासत में जगदानंद बाबू उन चंद नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें सभी दल अपने साथ लाना चाहते हैं. बताया जाता है कि सीएम नीतीश कुमार भी कई बार उन्हें जदयू में लाने की कोशिश कर चुके हैं. लेकिन, लालू यादव के प्रति उनकी लॉयल्टी में कभी कमी नहीं आई.
जगदा बाबू हैं ‘ए टू जेड’ सियासत का फेस
ऐसे तो जगदानंद सिंह अपने अक्खड़ मिजाज की वजह से भी जाने जाते हैं. बेहद अनुशासन पसंद हैं और बोलते भी बेहद कम हैं. राजद की बदलती सियासत (सर्वसमाज को साथ लाने की) को संवारने के लिए लालू ने उन पर जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसके सबसे बड़े जगदा बाबू ही हैं. जगदानंद सिंह को आगे कर राजद सर्वसमाज की राजनीति करने का जो दावा करता है, उसके लिए सबसे मुफीद चेहरा हैं.
अपने करीबियों को नहीं खोना चाहते लालू
बीते चुनाव में एनडीए को नेक टू नेक तक की फाइट तक पहुचाने का श्रेय भी जगदानंद सिंह के ही नाम माना जाता है. राजद की ‘ए टू जेड’ (सर्वसमाज) राजनीति के पीछे भी जगदा बाबू का फेस अहम माना जाता है. ऐसे में लालू यह कदापि नहीं चाहते कि जगदा बाबू से उनका साथ छूटे. ऐसे भी अंत समय में रघुवंश बाबू से जुदा होना लालू यादव के लिए बड़ा धक्का साबित हुआ. यह लालू अपने करीबी को खोकर कितने आहत हैं वह उनके वर्तमान चेहरे को देखकर भी समझा जा सकता है.
जगदानंद सिंह-तेज प्रताप के असहज रिश्ते
कहा जाता है कि राजद के 25वें स्थापना दिवस समारोह में जिस तरह से तेज प्रताप यादव ने सार्वजनिक तौर पर जगदा बाबू के साथ के बारे में टिप्पणी की, वह उससे भी आहत हैं. हालांकि तेज प्रताप यादव ने नाराजगी की इन बातों का पूर्ण खंडन किया है. लेकिन अंदर की खबर यही है कि तेज प्रताप यादव और जगदानंद सिंह के रिश्ते सामान्य तौर पर सहज नहीं हैं और यह कई बार सार्वजनिक स्थानों पर भी सामने दिख जाता है.
तेज प्रताप अक्सर जगदा बाबू पर लगाते हैं आरोप
कुछ दिन पहले ही तेज प्रताप यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव की जेल से रिहाई के लिए जो पोस्ट कार्ड अभियान शुरू किया था, इस दौरान उन्होंने जगदानंद सिंह पर निशाना साधा था. तेज प्रताप ने कहा था कि जगदानंद बाबू उनके अभियान में रुचि नहीं ले रहे हैं. जगदा बाबू पर उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि उनके आने पर वे चैंबर से बाहर तक नहीं निकलते. उस वक्त भी जगदा बाबू को ठेस पहुंची थी.
तेजस्वी ने लालू यादव से जगदा बाबू को फोन करवाया
हालांकि पिछली बार जगदानंद बाबू और तेजस्वी यादव के बेहतर तालमेल की वजह से मामला निपट गया था. माना जाता है कि जगदा बाबू ने भी अनुभव का परिचय देते हुए तेज प्रताप की नादानी को क्षमा कर दिया था, लेकिन इस बार वह बेहद आहत महसूस कर रहे थे. ऐसे में तेजस्वी से मामला संभला नहीं और उनको लालू यादव को आगे करना पड़ा. वे दिल्ली गए और लालू जी से जगदा बाबू को फोन करवाया.
लालू ने भावुक होकर जब जगदा बाबू से ये कहा…
सूत्र यही बताते हैं कि लालू यादव ने जगदानंद बाबू से कुछ ऐसी बातें कहीं जिसके बाद जगदा बाबू कुछ भी जवाब देने की स्थिति में नहीं रह गए, और लालू की बात उनको माननी पड़ी. सूत्र बताते हैं कि लालू ने जगदानंद सिंह से यही कहा कि आप अभिभावक हैं, बच्चों को संभालना आपका काम है. और अब मेरा भी अंतिम समय है. अंत समय में आप भी छोड़ जाएंगे तो लालू तो नहीं बचेगा. तेजस्वी को आपके मार्गदर्शन की बहुत आवश्यकता है.
लालू के इमोशनल कार्ड से थम गया सियासी भूचाल
लालू यादव ने जगदानंद सिंह से यहां तक कहा कि आप राजद दफ्तर जाएं और वहां से मुझे वीडियो कॉल करें कि आप कार्यालय में हैं. तब जगदानंद सिंह भी लालू की बात काट नहीं सके और उन्हें दफ्तर जाना पड़ा. तभी मीडियाकर्मी भी पहुंचे. जाहिर है बिहार की सियासत में शुक्रवार के दिन जो भूचाल आने वाला था, वह लालू के इमोशनल कार्ड ने थाम लिया.
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Tags: Bihar politics, Bihar rjd, Lalu Prasad Yadav, Tej Pratap Yadav, Tejashwi Yadav
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