(ऋतु रोहिणी)
पटना. कोरोना महामारी (Covid 19 Pandemic) से उत्पन्न हालातों के मुद्दे पर सोमवार को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई की. शिवानी कौशिक की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने बिहार सरकार (Bihar Government) से कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के खतरे को देखते हुए की जा रही तैयारियों और जरूरी स्वास्थ्य संसाधनों की व्यवस्था के संबंध में प्रोग्रेस रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना (पटना एम्स) के वकील विनय कुमार पांडेय ने सुनवाई के दौरान बताया कि कोर्ट ने इसके पूर्व भी बिहार सरकार से प्रदेश भर में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन और एंबुलेंस आदि के संबंध में ब्यौरा देने को कहा था. इस मामले में अब अगली सुनवाई पांच जनवरी को की जाएगी.
बता दें कि इससे पहले भी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सभी सुविधाओं और उनके व्यवस्था से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था. इस आदेश में विशेष तौर पर ऑक्सीजन के उत्पादन और भंडारण से संबंधित रिपोर्ट की मांग की गई थी.
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. हाईकोर्ट के कुछ जज और कर्मी भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं इसलिए मंगलवार से कोर्ट की सुनवाई वर्चुअल माध्यम से होगी. हालांकि इस सुनवाई में कोरोना से संक्रमित जज और कर्मियों की संख्या पर कोई बातचीत नहीं हुई. लेकिन जिस गंभीरता के साथ न्यायालय ने यह सुनवाई की है उससे यह स्पष्ट है कि राज्य भर में लोगों को ओमिक्रोन से जुड़े सख्त आदेशों का पालन करना होगा.
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