पटना. बिहार में इस साल वित्तीय वर्ष से विधायक निधि (MLA/MLC Fund) कोरोना की मार से मुक्त हो जाएगी. इस बात की प्रबल संभावना जताई जा रही है. योजना एवं विकास मंत्री विजेंद्र यादव (Bihar Minister Vijendra Yadav) ने शनिवार को बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिहार के विधायक और विधान परिषद सदस्य पहले की तरह मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के माध्यम से 3 करोड़ रुपए तक की राशि की योजना की सिफारिश कर सकते हैं. मंत्री ने बताया कि निश्चित रूप से यह योजना पहले की तरह ही फिर से चलेगी.
वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में इस योजना की बड़ी राशि कोरोना के बचाव और नियंत्रण के मद में खर्च की गई थी. विजेंद्र यादव ने कहा कि करोना जैसी महामारी से निपटने के लिए अधिक से अधिक राशि की जरूरत थी और इसीलिए सरकार ने विधायक निधि की राशि का उपयोग इस मद में करने का फैसला लिया था. मंत्री का दावा है कि सरकार की यह पहल बेहद सार्थक रही और महामारी से निपटने में राज्य ने बेहतर उपाय किया और इसमें सफलता भी मिली.
मंत्री का कहना है कि विधायक निधि की राशि का उपयोग सामान्य इलाज के अलावा स्वास्थ्य विभाग की आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में किया गया. इससे राज्य की जनता को लंबे अरसे तक लाभ मिलता रहेगा. चालू वित्तीय वर्ष में विधायक निधि के संपूर्ण राशि का उपयोग कोरोना से बचाव के लिए नहीं हुआ है. 3 में से 1 करोड़ रुपए की योजना विधायकों की अनुशंसा पर की गई है.
बिहार में 243 विधायक और 75 विधान पार्षद हैं. इन सदस्यों की सिफारिश पर हर साल 954 करोड़ रुपए की विकास योजनाएं कार्यान्वित होती रही हैं. सभी विधानसभा क्षेत्र में 5 नये स्वास्थ्य केंद्र बनाने की योजना में भी इस राशि का सदुपयोग किया जाता रहा है.
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