पटना. बिहार की राजनीतिक फिजां इस वक्त बेहद गर्म है और इसी गर्मागर्म सियासत के बीच बिहार विधान मंडल का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है. इसे लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इस बार के सत्र में कई ऐसे मुद्दे आएंगे जिन्हें लेकर सदन में माहौल गर्म हो सकता है और इसी से निपटने के लिए सत्ताधारी NDA भी रणनीति बनाने में जुट गई है. इसी कड़ी में नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास एक अणे मार्ग में JDU विधायकों की महत्त्वपूर्ण बैठक बुलाई थी.
बैठक सत्र के पहले बुलाई गई, जिसमें जदयू के शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ उसके तमाम MLC, MLA और JDU कोटे के मंत्री भी मौजूद थे. बैठक को JDU के बड़े नेताओं ने संबोधित किया. जेडीयू के एक बड़े नेता ने वर्तमान राजनीतिक हालात से लेकर महाराष्ट्र में हो रहे सियासी घमासान की चर्चा भी की. बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के नेताओं को बताया कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन किया था और द्रौपदी मुर्मू जी के बारे में जानकारी भी दी. पहली बार आदिवासी समाज से कोई महिला राष्ट्रपति की कुर्सी पर पहुंच रही है, यह गौरव और उत्साह की बात है.
इसके बाद नीतीश कुमार ने विधायकों को विधानसभा सत्र के दौरान चौकस रहने का निर्देश दिया और कहा कि जब तक सदन की कारवाई चल रही है, तब तक हर विधायक सदन में मौजूद रहे. क्योंकि कब क्या परिस्थिति आ जाए, कोई नही जानता है. नीतीश कुमार ने विधायकों को यह निर्देश साफ-साफ दिया कि हर मुद्दे और सवाल पर पूरी मुस्तैदी से तर्कसंगत जवाब देना है और पूरी तैयारी रखनी है. ताकि विपक्ष कोई सवाल उठाए तो उसका वाजिब जवाब मिल सके.
नीतीश कुमार ने विधायकों को यह भी निर्देश दिया की जातिगत गणना को लेकर लोगों के बीच में जाएं और लोगों को जागरूक करें ताकि गणना सही तरीके से और लोगों के सहयोग से हो सके.
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