रिपोर्ट: सच्चिदानंद
पटना. बिहार में शराबबंदी के बाद आप नीरा शब्द खूब सुन रहे होंगे. सरकार भी लगातार नीरा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा की आखिर यह नीरा होता क्या है. तो आपके सवाल का जवाब इस खबर में है.
दरअसल, ताड़ के पेड़ से निकलने वाले रस को नीरा कहते हैं. कई लोग इसे ताड़ी समझते हैं. स्वाद में मीठी और सफेद रंग वाली नीरा सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
ताड़ और खजूर के पेड़ से जो ताजा रस निकलता है, उसे नीरा कहते हैं. कहा जाता है कि नीरा का हर घूंट इम्युनिटी को बूस्ट करता है. ऐसे में सरकार बिहार में शराबबंदी को पूर्णतया सफल बनाने के लिए ताड़ी का व्यवसाय करने वालों को नीरा उत्पाद में जोड़ने के लिए योजना चलाई है. यही कारण है कि इससे सिर्फ जूस नहीं बल्कि गुड़, कैंडी, सभी प्रकार के मिठाई, आइसक्रीम आदि प्रोडक्ट बनाए जाते हैं.
सिर्फ जूस नहीं, रसगुल्ला भी बनता है
मनेर जीविका के अधिकारी राहुल राज बताते हैं कि नीरा से सिर्फ जूस ही नहीं बल्कि पेड़ा, लड्डू, आइसक्रीम समेत सभी प्रकार के मिठाई बनाया जाता है. कुछ दिनों बाद हम लोग नीरा से बने रसगुल्ला लॉन्च करने जा रहे हैं. कोई भी मिठाई बनाने के लिए प्रोसेस वही होता है, तो सामान्य मिठाई बनाने का होता है. बस उसमें चीनी की जगह नीरा का प्रयोग किया जाता है. यानी की चीनी का विकल्प नीरा हो सकता है, जो सेहत के लिए बहुत लाभदायक है. नीरा के सीरम को 10 से 15 दिनों तक स्टोर कर रखा जा सकता है. नीरा से बने पेड़ा का दाम 250 से 300 रुपए प्रति आधा किलो है. अगर बृहद मात्रा पर नीरा से प्रोडक्ट बनाए जाए तो दाम कम होने की संभावना है. फिलहाल मनेर के जीविका सेंटर से 120 किसान जुड़े हुए हैं.
नीरा के फायदे
ताड़ या खजूर के पेड़ से नीरा संग्रह करने के लिए मिट्टी के बर्तन का प्रयोग किया जाता है. पेड़ पर मिट्टी के बर्तन को लगा दिया जाता है. सूर्योदय से पहले ही नीरा को पेड़ से निकाल लिया जाता है. उसके बाद फ्रीजर में रख कर उससे सीरम तैयार करके बाकी प्रोडक्ट को बनाया जाता है.
डॉक्टर कहते हैं कि नीरा का हर एक घूंट हमारे शरीर के इम्युनिटी को बूस्ट करता है. इसके साथ ही मधुमेह, कब्ज, आंख की बीमारी, दमा रोग, टीबी, पाइल्स और जॉन्डिस जैसे बीमारियों को ठीक करने में फायदेमंद है. ऐसा इसलिए क्योंकि नीरा में कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन A,B,&C, फास्फोरस, कैल्शियम, जिंक, पोटैशियम जैसे पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं. प्रतिदिन सुबह के समय 200 एमएल नीरा पीने से 100 से अधिक बीमारियों में फायदा होता है.
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