चमकी बुखार ने जहां बिहार सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की बखिया उधेड़ दी है, वहीं अब नीति आयोग ने भी राज्य को इस मामले में बेहद पिछड़ा हुआ बताया है. आयोग की रिपोर्ट में पिछली बार के मुकाबले बिहार देश के 21 बड़े राज्यों की सूची में सबसे नीचे है. स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में केरल शीर्ष पर है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2015-16 की तुलना में 2017-18 बिहार की स्थिति और खराब हुई.
स्वास्थ्य सेवाओं की इस रैंकिंग को आयोग ने तीन श्रेणियों में बांटा है. पहली श्रेणी में 21 बड़े राज्य, दूसरी श्रेणी में 8 छोटे राज्य और तीसरी श्रेणी में केंद्र शासित प्रदेशों को जगह दी गई है. इस रिपोर्ट को स्वास्थ्य सेवाओं के कई बिंदुओं के आधार पर तैयार किया गया है, जिनमें नवजात मृत्यु दर, प्रजनन दर आदि शामिल हैं.
हालांकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है. सुधार के मामले में हरियाणा अव्वल है. हरियाणा के बाद राजस्थान, झारखंड और आंध्र प्रदेश का नंबर है. छोटे राज्यों में त्रिपुरा अव्वल है.
इस साल चमकी बुखार की वजह से बिहार सरकार को न सिर्फ आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है बल्कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के बुरे हालात भी उजागर हुए हैं. जैसे-जैसे चमकी बुखार ने राज्य में अपना प्रकोप बढ़ाया नीतीश सरकार सरकार मुश्किलों में घिरती गई है.
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FIRST PUBLISHED : June 25, 2019, 20:41 IST