इंसेफेलाइटिस को लेकर अलर्ट पर बिहार सरकार, 12 जिलों के अधिकारियों को मिला टास्क

बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस को लेकर जांच करते विभाग के अधिकारी
AES in Bihar: बिहार में जानलेवा बीमारी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम पहुंची मुजफ्फरपुर. पिछले साल इस बीमारी की वजह से 150 बच्चों की मौत हुई थी.
- News18 Bihar
- Last Updated: March 26, 2021, 12:04 PM IST
मुजफ्फरपुर. जानलेवा बीमारी एईएस (AES) से बच्चों को बचाव के लिए राज्य का स्वास्थ्य विभाग पहले से हीं सजग हो गया है. मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के 12 जिलों में गर्मी के मौसम में एईएस प्रकोप हर साल आता है. वर्ष 2019 में तो मुजफ्फरपुर में लगभग 150 बच्चों की मौत हुई थी. इस वर्ष बीमारी से बचाव के लिए सरकार काम कर रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत गुरुवार को तीन टीमों के साथ मुजफ्फरपुर पहुंचे और पूरा दिन जिले में गुजारा. प्रधान सचिव खुद फील्ड विजिट में कांटी गए जहां पीएचसी के निरीक्षण के बाद प्रभावित गांव में पहुंचे. गांव में उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान और बीमार बच्चों को नजदीकी अस्पताल ले जाने के ट्रांसपोर्ट का जायजा लिया. प्रधान सचिव ने कहा कि जिले में पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस की व्यवस्था की जा रही है, साथ ही बच्चों को अस्पताल पहुंचाने वाली निजी गाड़ियों को उनका किराया नगद दिया जाएगा.
प्रधान सचिव के साथ आई अन्य टीमों ने मीनापुर, सकरा मुरौल कुढ़नी आदि इलाकों में ग्रामीणों
से मुलाकात करके हालात का जाएजा लिया. इस दौरान राज्य की टीम ने एसकेएमसीएच जाकर एईएस के लिए बनाए गये पीडिया आईसीयू का जायजा लिया. इसके आलावा एईएस ट्रीटमेंट सेंटर केजरीवाल अस्पताल और सदर अस्पताल में इलाज व्यवस्था का निरीक्षण किया गया. अंत में शाम को जिला समाहरणालय सभागार में प्रधान सचिव ने मुजफ्फरपुर और आसपास के 12 एईएस प्रभावित जिलों के डीएम और सिविल सर्जन के साथ वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली.प्रधान सचिव ने सभी जिलों के डीएम को जागरूकता अभियान तेज करने और बीमार होने पर बच्चों को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल पहुंचाने का निर्देश दिया. सभी डीएम को निर्देश दिए गए कि स्कूलों में चेतना सत्र के दौरन एईएस और उससे बचाव पर बच्चों के बीच चर्चा की जाए साथ ही सभी पदाधिकारियों को एक एक पंचायत गोद लेकर वहां ईएस जागरूकता, बच्चों का पोषण, एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया.
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत गुरुवार को तीन टीमों के साथ मुजफ्फरपुर पहुंचे और पूरा दिन जिले में गुजारा. प्रधान सचिव खुद फील्ड विजिट में कांटी गए जहां पीएचसी के निरीक्षण के बाद प्रभावित गांव में पहुंचे. गांव में उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान और बीमार बच्चों को नजदीकी अस्पताल ले जाने के ट्रांसपोर्ट का जायजा लिया. प्रधान सचिव ने कहा कि जिले में पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस की व्यवस्था की जा रही है, साथ ही बच्चों को अस्पताल पहुंचाने वाली निजी गाड़ियों को उनका किराया नगद दिया जाएगा.
प्रधान सचिव के साथ आई अन्य टीमों ने मीनापुर, सकरा मुरौल कुढ़नी आदि इलाकों में ग्रामीणों
से मुलाकात करके हालात का जाएजा लिया. इस दौरान राज्य की टीम ने एसकेएमसीएच जाकर एईएस के लिए बनाए गये पीडिया आईसीयू का जायजा लिया. इसके आलावा एईएस ट्रीटमेंट सेंटर केजरीवाल अस्पताल और सदर अस्पताल में इलाज व्यवस्था का निरीक्षण किया गया. अंत में शाम को जिला समाहरणालय सभागार में प्रधान सचिव ने मुजफ्फरपुर और आसपास के 12 एईएस प्रभावित जिलों के डीएम और सिविल सर्जन के साथ वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली.प्रधान सचिव ने सभी जिलों के डीएम को जागरूकता अभियान तेज करने और बीमार होने पर बच्चों को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल पहुंचाने का निर्देश दिया. सभी डीएम को निर्देश दिए गए कि स्कूलों में चेतना सत्र के दौरन एईएस और उससे बचाव पर बच्चों के बीच चर्चा की जाए साथ ही सभी पदाधिकारियों को एक एक पंचायत गोद लेकर वहां ईएस जागरूकता, बच्चों का पोषण, एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया.