बिहार के उद्योग मंत्री सैय्यद शाहनवाज हुसैन का दावा है कि प्रदेश में भविष्य में सालाना 5 लाख नौकरियों के मौके सृजित होंगे. (न्यूज 18 हिन्दी/फाइल फोटो)
पटना/नई दिल्ली. बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद प्रदेश को देश के औद्योगिक मानचित्र पर लाने के लिए नीतीश कुमार की सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इस दिशा में एक बड़ी पहल की जा रही है. निवेशकों को प्रदेश में आकर्षित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है. उन्हें बिहार सरकार की पहल और राज्य में मौजूद मौकों के बारे में बताया जाएगा और साथ ही प्रदेश में निवेश करने के लिए भी आमंत्रित किया जाएगा. इन सबके बीच बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने बड़ा दावा किया है. बिहार के मंत्री ने कहा कि भविष्य में प्रदेश में सालाना 5 लाख नौकरियों के अवसर सृजित होंगे. उन्होंने यह भी बताया कि किस क्षेत्र में रोजगार के कितने मौके पैदा होंगे. पढ़ेंं शाहनवाज हुसैन कान्यूज 18 को दिया एक्सक्लूसिव इंटरव्यू…
सवाल
जब आप इंडस्ट्री की बात कर रहे हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर की बात कर रहे हैं तो अभी तक क्या हो पाया है? और 20 साल से अभी तक कुछ क्यों नहीं हो पाया है?
जवाब
अभी सिर्फ 17 साल हुए हैं, उसमें डेढ़ साल बीजेपी सरकार से अलग रही थी, जब लालटेन वाले बीच में आए थे. हम लोग 17 साल से साथ में हैं. 17 साल से नीतीश कुमार जी मुख्यमंत्री हैं और बीच में मांझी जी थोड़े समय के लिए मुख्यमंत्री थे. पहले बिजली नहीं होती थी और अब बिजली पूरी है. हमारे यहां पहले पानी नहीं था और इंडस्ट्री में पानी की बहुत जरूरत होती है. हम लोगों ने बहुत अच्छी बात की जब मुझे ये मौका मिला तो पार्टी ने मुझे कहा कि आपको बिहार जाना है और इंडस्ट्री डिपार्टमेंट संभालना है. मैं फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज मिनिस्टर और कोयला मंत्रालय में रहा हूं, तो ऐसी इंडस्ट्रीज से संबंधित कई डिपार्टमेंट मैंने देखे हैं भारत सरकार में. मैंने बिहार में जाकर देखा कि वहां क्या हो सकता है, तो पता चला कि दो चीजों की संभावना ज्यादा है. फूड प्रोसेसिंग और टेक्सटाइल की. स्किल डिलिवरी पहले हमारी कमजोरी थे, लेकिन अब वो हमारी ताकत बन गई है. अब हम कोशिश कर रहे हैं कि हमारे टेक्सटाइल वर्कर्स हैं, हम उनको यहां लेकर आएं और इसलिए हमने उसपर काम शुरू किया है. फूड प्रोसेसिंग में 2007 में ही नीतीश जी ने कहा था कि चीनी बनाते हैं, मोलेसिस और गन्ना बहुत है हमारे यहां और फूड ग्रेन भी बहुत है, इसलिए हमें इथेनॉल बनाने दिया जाए. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा गेम चेंज करते हुए हमें क्रेन और मोलेसिस बेस प्लांट लगाने की मंजूरी दे दी है. जब वो इजाजत मिली है उसके बाद हमने जो बिड किया है उसमें बड़ी-बड़ी कंपनियां आईं. इसके बाद कोविड के वक्त में 30 हजार करोड़ का प्रपोजल हमारे पास आया. केंद्र से हमें 18 करोड़ का कोटा मिला. हमारी कंपनियों ने उस पर 172 करोड़ लीटर का बिड किया और बाद में यह 36 करोड़ लीटर हो गया.
हमने पूर्णिया में एक प्लांट लगवाया है. जो ये कहते थे यहां एक सुई की फैक्ट्री नहीं लग सकती थी, वहां 65 हजार लीटर की क्षमता वाले एक प्लांट का मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने 30 अप्रैल को उद्घाटन किया है. 15 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया पेप्सी वरुण बेवरेज प्लांट का, जो वहां लीची और आम के जूस का भी प्लांट लगा रहे हैं. हमने उन्हें पाइनेपल और आइस्क्रीम का प्लांट लगाने को भी कहा है. वरुण बेवरेज वालों ने वादा किया है कि वह एक चीनी मिल भी लगाएंगे. वहीं बंद हुई एक चीनी मिल की 2800 एकड़ जमीन हमारे पास है. हमने एक इथेनॉल प्लांट शुरू कर दिया है और एशिया में चीन के बाद आरा में दूसरा सबसे बड़ा इथेनॉल प्लांट का जल्द ही उद्घाटन करने जा रहे हैं. इस प्लांट में रोज 5 लाख लीटर इथेलॉल का प्रोडक्शन होगा.
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सवाल
क्या आपको उम्मीद है कि बिहार का नौजवान जो बार-बार ये सवाल उठाता है कि नौकरी कहां है और सबसे ज्यादा पलायन होता है लोग दिल्ली, मुंबई या किसी अन्य राज्य में नौकरी के लिए जाते हैं. वो इश्यू आपको लगता है कि अब हल हो जाएगा और इससे कितनी नौकरियां मिल पाएंगी?
जवाब
देखिए हमारे देश में जितनी नौकरी बड़ा ग्रुप देता है, उससे ज्यादा नौकरी एक्सपोर्ट दे देता है. क्योंकि टेक्सटाइल में जॉब बहुत हैं. टेक्सटाइल में संभावना बहुत है, इसमें इंवेस्टमेंट कम है और जॉब ज्यादा हैं. तो हम टेक्सटाइल पर कोशिश कर रहे हैं. हम दो फूड पार्क बना रहे हैं. देश में 7 टेक्सटाइल मेगा पार्क बनने हैं और इसके लिए हमने भी बिड कर दिया है. कुशीनगर एयरपोर्ट के पास हम इस मेगा पार्क को बनाने जा रहे हैं. इतना ही नहीं हम नई टेक्सटाइल पॉलिसी ला रहे हैं. ज्यादातर टेक्सटाइल में जॉब होंगे. मैं नंबर तो नहीं दे सकता कि कितनी नौकरियां होंगी, लेकिन हम इंड्रस्टियल फ्रेंडली माहौल बना रहे हैं. मैं भीलवाड़ा, मुंबई और कोलकता भी गया और वहां कई लोगों से मिला. मैंने उनसे कहा कि वह बिहार में बेचे ही नहीं, बनाएं भी. मैंने उनसे कहा कि बिहार अब ‘अपहरण’, ‘शूल’ और ‘गंगाजल’ के दौर से बाहर आ गया है, क्योंकि कई लोग फिल्म देखकर अपनी राय बनाते हैं. अब ये नया बिहार है और नेशनल क्राइम ब्यूरो के रिकॉर्ड के मुताबिक हमारे यहां कानून व्यवस्था ठीक है. मैंने उनसे कहा कि मैंने एक नक्शा बनाया है जो आपको भेज रहा हूं. बिहार में कई बार कहा गया कि नीतीश जी और सुशील जी ने कहा है कि बिहार समुद्र से दूर है. लेकिन मैं ये कहना चाहूंगा कि चाहे समुद्र हमसे दूर हो, लेकिन हमारा हौसला हिमालय से ऊंचा है.
उन्होंने कहा कि बिहार में निवेश में करते हैं तो आप पूरा नेपाल कवर कर सकते हैं, पूरा ईस्टन यूपी का इलाका मिलता, नॉर्थ बंगाल नजदीक है और झारखंड का इलाका नजदीक है. उन्होंने कहा कि बड़ी तादाद में टेक्सटाइल की यूनिट लगनी शुरू हो गई हैं. दो यूनिट तो जून में लग रही हैं और कई यूनिट लग रही है जो हजारों लोगों को रोजगार देगी.
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उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत तहत 5 लाख का लोन और 5 लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है. यदि एक आदमी 10 मशीन खरीदता है, बटन लगाने की या कोई और मशीन तो इससे वह 10 से 15 लोगों को रोजगार दे सकता है. ऐसी स्कीम देश में और कहीं नहीं है. प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत 25 लाख रुपये तक का तो लोन मिलता है, लेकिन हमारी इस वाली स्कीम में पांच लाख रुपये लोन और 5 लाख रुपये अनुदान होता है. हर जिले में 700 लोग हैं जो हर साल दो से ढाई लाख जॉब देख रहे हैं. दूसरा हम इथेनॉल और टेक्सटाइल में भी रोजगार पैदा कर रहे हैं. हमारा इरादा है कि 5 लाख रोजगार पैदा कर सकते हैं और यह हमारा इरादा है कोई दावा नहीं है. मेरी जीवन का मिशन है कि समाज में एकता हो और अब मैंने एक और मिशन बना लिया है. मेरी जो जन्मभूमि है बिहार उसमें अपनी क्षमता और मेहनत से यहां इंडस्ट्री लगाने की है. इस इनवेस्टर्स मीट का उद्घाटन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी और कई बड़ी हस्तियां इसमें शामिल होंगी.
बिहार में क्यों नहीं हो रही इनवेस्टर्स मीट मंत्री ने बताई ये वजह
कई लोग पूछा रहे हैं कि यह इनवेस्टर्स मीट बिहार में क्यों नहीं हो रही है. बिहार की इमेज बिल्डिंग के लिए हम इसे दिल्ली में कर रहे हैं. इसके बाद मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद जैसे शहरों में भी बिहार इनवेस्टर्स मीट का आयोजन होगा. उन्होंने कहा कि प्यासा इंडस्ट्री लगाने वाला नहीं, बल्कि बिहार है. इसलिए हम जा रहे हैं उनके पास. उन्होंने कहा कि हम सिंगल विंडो सिस्टम में हम बहुत पीछे थे और अब हमने इसको बहुत सुधार लिया है. इज ऑफ डूइंग बिजनेस की जो अब रैकिंग आएगी, उसमें हम बहुत आगे होंगे. हम सात वर्किंग दिनों में सारी सुविधाएं दे रहे हैं. हमने अटल पथ पर बने इंदिरा भवन को हमने इस काम के लिए समर्पित कर दिया है. जब आप वहां जाएंगे तो आपको कॉरपोरेट जैसी फिलिंग आएगी.
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