वर्ष 2021 में 30 अफसरों के विभिन्न ठिकानों से 600 करोड़ रुपये सेअधिक का काला धन बरामद किया गया .
(ऋतु रोहिणी)
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने संबोधनों में अक्सर कहर क्राइम, कम्यूनलिज्म व करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की अपनी नीति दोहराते हें. कई मामलों में वह इसे धरातल पर उतारते भी दिखते हैं. इसी क्रम में हाल में नीतीश सरकार ने करप्शन के विरुद्ध अभियान छेड़ रखा है. विशेषकर राज्य सरकार की तीन एजेंसियां, आर्थिक अपराध इकाई व विजिलेंस विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सूचनाओं या शिकायतों के आधार पर भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं. छापेमारी में बरामद सामान तथा निवेश से पता चला कि आखिर किस हद तक ये भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. इन एजेंसियों ने बीते छह महीने में करीब 30 अफसरों के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर 600 करोड़ से अधिक की ब्लैक मनी पकड़ी है.
हाल में ही हाजीपुर के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दीपक कुमार शर्मा के पटना, हाजीपुर व मोतिहारी में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने 11 दिसंबर को छापेमारी की थी. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस छापेमारी में एक करोड़ 76 लाख रुपये नकद बरामद किए गए थे. बरामद किए गए रुपये तीन सूटकेस तथा एक ट्रॉली बैग में रखे गए थे. इतना ही नहीं, टीम ने कैश के साथ-साथ 47 लाख रुपये के सोने-चांदी के आभूषणों के अलावा जमीन में निवेश किए गए सात करोड़ रुपये के कागजात भी बरामद किए. दीपक कुमार शर्मा 22 साल से नौकरी में हैं.
17 दिसंबर को स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने समस्तीपुर के सब रजिस्ट्रार मणि रंजन के पटना, मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर स्थित ठिकानों पर भी छापे मारे. इन छापों में 60 लाख नकद, लाखों के आभूषण, करोड़ों की जमीन, रियल इस्टेट में निवेश व कई बैंकों के पासबुक व फिक्स्ड डिपॉजिट के कागजात भी मिले. अधिकारियों एक मुताबिक कुल मिलाकर इनके पास आय से 165 फीसदी अधिक की संपत्ति होने का अनुमान लगाया गया है.
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार सिंह के ठिकानों पर विजिलेंस ने छापेमारी की तो उनके घर से तलाशी में 95 लाख रुपये कैश मिले. कैश की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि विजिलेंस की टीम को नोटों की गिनती के लिए बाहर से मशीन मंगानी पड़ी. साथ ही एक किलो 295 ग्राम स्वर्णाभूषण, चांदी की तीन ईंटे तथा 12 किलो चांदी के जेवर व बर्तन बरामद किए गए. सोने चांदी की कुल कीमत 66 लाख से अधिक बताई गई.
करप्शन पर प्रहार जारी रखते हुए वैशाली जिले के लालगंज थाना प्रभारी घनश्याम शुक्ला के ठिकानों पर जब छापेमारी की गई तो उनके पास आय से 98 फीसद अधिक संपत्ति होने का पता चला. इसी क्रम में बिहार पुलिस में सिपाही रहे बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज के ठिकाने पर ईओयू ने छापेमारी की और पाया गया कि उनके पास आय से 544 प्रतिशत अधिक की संपत्ति थी.
बता दें कि बिहार में शराब तस्करों का धंधा खूब चल रहा है. हालांकि, सरकार हर जगह जागरूकता अभियान भी चला रही है, लेकिन फिर भी इसपर कमान कसने में नीतीश सरकार बैकफुट पर दिख रही है. लेकिन, यह भी हकीकत है कि भ्रष्टाचार पर नीतीश सरकार ने लगातार प्रहार किया है. इसी तरह बिहार में अवैध बालू खनन पर पूर्णतः रोक लगाने में नीतीश सरकार विफल रही है. स्थानीय अफसरों एवं नेताओं के प्रभाव से बालू का अवैध खनन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है.
इसी क्रम में आर्थिक अपराध इकाई को सरकार ने बालू माफिया से साठगांठ रखने वालों का पता लगाने के लिए लोक सेवकों को सख्त निर्देश दिया था. इस मामले में भी 41 प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर निलंबित कर दिया गया. बालू के अवैध खेल में इस साल अगस्त से दिसम्बर तक 12 अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है.
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Tags: Bihar Government, Bihar News, CM Nitish Kumar, Nitish Government, PATNA NEWS, Revenue Department
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