विपक्ष के हमलावर रूप को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे मामले पर संज्ञान ले लिया.
पटना. सरकारी कार्यक्रम में मंत्री मुकेश सहनी भाई के जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. बिहार विधानसभा और विधान परिषद में शुक्रवार को इसी मसले पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. विपक्ष के हमलावर रूप को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे मामले पर संज्ञान ले लिया. CM नीतीश ने मुकेश सहनी को तलब किया है. विधान परिषद में मुकेश सहनी ने सीएम के चेंबर में सफाई दी. मंत्री मंगल पांडे भी मौजूद रहे. हंगामे के बीच बिहार विधान परिषद की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित
कर दी गई है. मंत्री मुकेश सहनी ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में उनके भाई पहुचा थे. प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ था. मुकेश शाहनी ने कहा कि भविष्य में इस तरह की गलती नही होगी.
आरजेडी और कांग्रेस ने पशु एवं मत्स्य विभाग के मंत्री मुकेश सहनी की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी की मांग भी कर दी है. विपक्ष का आरोप है कि इस सरकार में मंत्री कुछ इसी तरह से तानाशाही करते हैं. दरअसल पूरा मामला मुकेश शाहनी के भाई के करतूत से जुड़ा है. आरोप यह है कि मंत्री मुकेश साहनी ने मंत्री पद का दुरुपयोग किया है. मंत्री की जगह उनका छोटा भाई ना सिर्फ उनकी जगह विभागीय कार्यक्रम में शामिल हुए बल्कि मंत्री की गाड़ी और उनके स्कॉट का भी भरपूर इस्तेमाल किया. विपक्ष के इस आरोप पर जहां सरकार घिर गई है, वही विपक्ष लगातार सदन में मंत्री की बर्खास्तगी की मांग पर अड़ा हुआ है. दोनों सदनों में यह मामला विपक्ष ने जबरदस्त तरीके से उठाया. विपक्ष के हमलावर रूप को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे मामले पर संज्ञान ले लिया. इसके बाद सरकार बैकफुट पर आ गई. विपक्ष और ज्यादा हमलावर हो गया.
बीजेपी के एमएलसी नवल किशोर यादव के बयान ने विपक्ष की आवाज को और मजबूत कर दिया. नवल किशोर ने कहा कि ये घटना लोकतांत्रिक व्यवस्था को ना सिर्फ कलंकित करने वाला है बल्कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है. यही नहीं. एमएलसी यादव ने अपने सहयोगी पार्टी के मंत्री मुकेश
सहनी को नसीहत देते हुए कहा कि मंत्री पद पर रहते हुए लोक प्लाजा की रक्षा करनी चाहिए. वहीं, आरजेडी और कांग्रेस ने एक सुर में कहा कि मंत्री की बर्खास्तगी हर हाल में होनी चाहिए. सरकार पूरे मामले की जांच कराएं और जो यह परंपरा चल रही है, यह हर हाल में बंद होनी चाहिए. विपक्ष के इस हमले से पूरी सरकार बैकफुट पर है.
अपने साथी मंत्री पर लगे आरोप पर दूसरे विभागों के मंत्री भी मौन हैं. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी हों या फिर पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन सबने चुप्पी साध ली है. अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री ने जब खुद इस मामले को संज्ञान में ले लिया है तो क्या वाकई मंत्री मुकेश सहनी के लिए आगे मुसीबत हो सकती है. अब सरकार जो भी फैसला लें लेकिन विपक्ष की तैयारी है कि वह आगे भी सदन में इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरती रहेगी.
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