पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. नीतीश कुमार ने इसे फालतू का मसला बताया है और इस पर अपनी असहमति जताई है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी के आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में शुक्रवार को शिरकत करने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में साफ कर दिया कि बिहार में इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है. बगैर किसी का नाम लिए नीतीश कुमार ने कहा कि जिसे जो करना है करें धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का कोई मतलब ही नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि यह सब फालतू की बात है और हम इससे सहमत नहीं हैं. बता दें कि लाउडस्पीकर मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है.
जीतनराम मांझी के आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में शिरकत करने पहुंचे प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी लाउडस्पीकर के मामले को बेमतलब का बताया. तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता को गुमराह करने के लिए इस तरह की बातें हो रही है. राजद नेता ने कहा कि बात बेरोजगारी पर होनी चाहिए लेकिन लाउडस्पीकर पर हो रही है.
उधर, जीतन राम मांझी ने भी नीतीश कुमार की बातों से अपनी सहमति जताते हुए कहा है कि किसी को तकलीफ पहुंचाने के मकसद से लाउडस्पीकर धार्मिक स्थलों से हटाना सही नहीं है. मांझी ने कहा कि लाउडस्पीकर और घड़ी घंटा की राजनीति करने से कुछ नहीं होगा.
इफ्तार पार्टी में शिरकत करने पहुंचे उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से जब इस बाबत सवाल किया गया तब उन्होंने मीडिया की बातों के सवालों पर चुप्पी साध ली. तार किशोर प्रसाद इतना जरूर कहते रहे कि राज्य सरकार मजबूत स्थिति में है.
बता दें कि इससे पहले जनक राम ने कहा था कि जब होली, दिवाली जैसे पर्व के समय डीजे और तेज गति वाले वाहन पर रोक लग सकती है तो मस्जिदों से लाउडस्पीकर से तेज आवाज में अजान पर भी रोक लगाई जानी चाहिए. जनक राम ने यहां तक कहा कि लाउडस्पीकर की तेज आवाज से पढ़ने वाले बच्चों और अन्य लोगों को कठिनाई होती है. मंत्री और जनप्रतिनिधि होने के नाते मुझे इसकी शिकायत मिलती रहती है इसलिए इसे सामने रख रहा हूं.
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