मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बिहार यात्रा को लेकर बीजेपी ने निशाना साधा है.
पटना. नया साल 2023 आने में अब कुछ दिन बाकी है. अब नए साल में बिहार की सियासत में यात्राओं को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ने के आसार हैं. दरअसल बिहार में यात्रा पर सियासत शुरू होने वाली है, जिसे लोकसभा चुनाव के ठीक पहले जनता का नब्ज टटोलने की क़वायद भी मानी जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यात्रा पर निकलने की तैयारी में है. सीएम नीतीश कुमार की यात्रा (Nitish Kumar Yatra) को लेकर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी बड़ी तैयारी की है. बीजेपी ने भी ऐलान कर दिया है कि जहां-जहां नीतीश कुमार जाएंगे, एक हफ्ते के अंदर बीजेपी (BJP) भी उसी जगह जाकर नीतीश कुमार का पोल खोलेगी, इस घोषणा के बाद यात्रा की सियासत गर्मा गई है.
दरअसल नीतीश कुमार ने जैसे ही यह साफ़ किया कि नए साल में वह जनता के बीच जाएंगे और लोगों से मिल ना सिर्फ़ उनकी समस्याओं को सुनेंगे बल्कि शराबबंदी को लेकर जनता की राय क्या है ये भी जानेंगे तब से सियासत में गर्माहट आ गई है और नीतीश कुमार के यात्रा को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. माना जा रहा है की नीतीश कुमार की यात्रा लोकसभा चुनाव के पहले जनता के नब्ज को जानने की क़वायद है जिसे नीतीश जनता के बीच जाकर ख़ुद देखना और समझना चाह रहे है.
जानें JDU और बीजेपी की यात्राओं का एजेंडा
जदयू के वरिष्ठ नेता और नीतीश कुमार के बेहद करीबी राज्य सभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह कहते हैं कि की जनता के बीच जाकर उनके बीच पहुंच कर ही ये जाना जा सकता है कि असली समस्या क्या है, सरकार की जो योजना चल रही है वो ज़मीन पर ठीक तरीक़े से पहुंच रही है कि नहीं. नीतीश जी जा रहे है मंत्रियों को भी जाना चाहिए. ज़ाहिर है जदयू नीतीश कुमार की यात्रा को लेकर उत्साहित है लेकिन वही दूसरी तरफ़ बीजेपी भी नए साल में लोकसभा चुनाव के पहले बड़ी तैयारी में जुटने वाली है जिसकी रूप रेखा तैयार की जा रही है.नेता विरोधी दल सम्राट चौधरी ने एलान कर दिया है कि यात्रा के दौरान जहां-जहां नीतीश कुमार जाएंगे. एक हफ्ता के अंदर वह खुद बीजेपी नेताओं के साथ जाकर नीतीश कुमार की पोल खोलेंगे और यह सच्चाई जनता को बतायेंगे की नीतीश कुमार के दावे क्या है और उसकी ज़मीनी हक़ीक़त क्या है.
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JDU ने दिया BJP की प्लानिंग पर जवाब
वहीं सम्राट चौधरी के इस ऐलान के बाद जदयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने पलटवार करते हुये कहा है कि जहां जाना है जाए किसने रोका है और वैसे भी बीजेपी को नीतीश कुमार के पीछे-पीछे चलने की आदत है. इस बार भी जाए ताकि उन्हें समझ में आ सके की जनता के लिए काम कैसे किया जाता है. जाहिर है नीतीश कुमार की यात्रा पर अब सियासी रंग चढ़ने लगा है. दरअसल नीतीश कुमार के यात्रा का मक़सद इस बार पूरे तौर पर राजनीतिक माना जा रहा है क्योंकि कई ऐसे मामले है जिसे लेकर नीतीश कुमार विरोधी दलों के निशाने पर है. चाहे शराबबंदी का मामला हो या क्राइम या फिर विकास का आम लोगो तक नहीं पहुंचने का मामला, नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर हैं. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी मानते हैं कि मुख्यमंत्री हो या उप मुख्यमंत्री या फिर मंत्री जनता के बीच जाकर ही जनता की समस्याओं को समझा जा सकता है, दफ्तर में बैठ कर नहीं.
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