बड़ी खबर: राज्य सभा उपचुनाव के लिए निर्दलीय प्रत्याशी का नामांकन रद्द, सुशील मोदी का निर्विरोध चुना जाना तय

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (फाइल फोटो)
एनडीए की ओर से सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) और पेशे से इंजीनियर श्याम नंदन प्रसाद (Shyam Nandan Prasad) ने बतौर निर्दलीय नामांकन किया था, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी को जरूरी 10 विधायकों का समर्थन पत्र नहीं प्राप्त था ऐसे में उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 4, 2020, 1:34 PM IST
पटना. पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन से खाली हुई सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की स्क्रूटनी पूरी हो गई है. इसके लिए दो उम्मीदवारों ने नामांकन किया था जिनमें एक का नॉमिनेशन टेक्निकल ग्राउंड पर रद्द कर दिया गया है. इसके साथ ही बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) का राज्य सभा सीट के लिए निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है.
बता दें कि इसके लिए एनडीए की ओर से सुशील मोदी और पेशे से इंजीनियर श्याम नंदन प्रसाद (Shyam Nandan Prasad) ने बतौर निर्दलीय नामांकन किया था, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी को जरूरी 10 विधायकों का समर्थन पत्र नहीं प्राप्त था ऐसे में उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है. मिली जानकारी के अनुसार उन्हें एक भी प्रस्तावक नहीं मिला.
सुशील मोदी के निर्विरोध चुने जाना तय हो गया है. हालांकि नाम वापसी की तिथि 7 दिसम्बर 2020 को है इसलिए 7 दिसम्बर को ही सुशील मोदी को जीत का सर्टिफिकेट मिल जाएगा. बता दें कि राजद या फिर महागठबंधन की ओर से कोई उम्मीदवार नहीं दिए जाने के बाद पहले से ही तय माना जा रहा था कि सुशील मोदी निर्दलीय चुन लिए जाएंगे.
हालांकि ऐसा नहीं है कि महागठबंधन की ओर से कोई कोशिश नहीं की गई. दरअसल विरोधी अलायंस चाहता था कि लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से दिवंगत रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान को प्रत्याशी बनाया जाए, लेकिन चिराग पासवान ने यह साफ कर दिया था कि लोजपा कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी.इसके बाद राजद की ओर से दलित नेता श्याम रजक को उतारने की कवायद की गई. हालांकि सूत्र बताते हैं कि उनकी ओर से अंतिम सहमति नहीं मिली जिसके बाद राजद ने उम्मीदवार खड़ा करने की कवायद ही छोड़ दी. मिली जानकारी के अनुसार श्याम रजक ने संभावित हार को देखते हुए ही इस चुनाव में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था.
बता दें कि इसके लिए एनडीए की ओर से सुशील मोदी और पेशे से इंजीनियर श्याम नंदन प्रसाद (Shyam Nandan Prasad) ने बतौर निर्दलीय नामांकन किया था, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी को जरूरी 10 विधायकों का समर्थन पत्र नहीं प्राप्त था ऐसे में उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है. मिली जानकारी के अनुसार उन्हें एक भी प्रस्तावक नहीं मिला.
सुशील मोदी के निर्विरोध चुने जाना तय हो गया है. हालांकि नाम वापसी की तिथि 7 दिसम्बर 2020 को है इसलिए 7 दिसम्बर को ही सुशील मोदी को जीत का सर्टिफिकेट मिल जाएगा. बता दें कि राजद या फिर महागठबंधन की ओर से कोई उम्मीदवार नहीं दिए जाने के बाद पहले से ही तय माना जा रहा था कि सुशील मोदी निर्दलीय चुन लिए जाएंगे.
हालांकि ऐसा नहीं है कि महागठबंधन की ओर से कोई कोशिश नहीं की गई. दरअसल विरोधी अलायंस चाहता था कि लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से दिवंगत रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान को प्रत्याशी बनाया जाए, लेकिन चिराग पासवान ने यह साफ कर दिया था कि लोजपा कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी.इसके बाद राजद की ओर से दलित नेता श्याम रजक को उतारने की कवायद की गई. हालांकि सूत्र बताते हैं कि उनकी ओर से अंतिम सहमति नहीं मिली जिसके बाद राजद ने उम्मीदवार खड़ा करने की कवायद ही छोड़ दी. मिली जानकारी के अनुसार श्याम रजक ने संभावित हार को देखते हुए ही इस चुनाव में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था.