बिहार में 'हर घर नल का जल' योजना में घोटाला उजागर, 373 मुखिया और 45 ठेकेदारों पर FIR दर्ज

'हर घर नल का जल योजना' मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है, इसकी यूनिसेफ ने भी तारीफ की है (फाइल फोटो)
जमीनी स्तर पर प्रोजेक्ट में कई तरह की अनियमितताएं उजागर (Corruption) हुई हैं. इसमें मुखिया, संवेदक (ठेकेदार), सुपरवाइजर और पंचायत सचिव से लेकर कई अफसर तक बेनकाब हुए हैं. अब तक 373 मुखिया पर प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई गई है. वहीं 45 ठेकेदार, 62 सुपरवाइजर, 32 पंचायत सचिव पर भी केस दर्ज करने का आदेश हुआ है
- News18Hindi
- Last Updated: January 14, 2021, 12:12 AM IST
पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के जिस ड्रीम प्रोजेक्ट की सराहना यूनिसेफ (Unicef) ने की है उसमें घोटाला सामने आया है. 'हर घर नल का जल' योजना (Har Ghar Nal Ka Jal Yojna) में गड़बडी करने वालों पर कार्रवाई तेज हो गई है. जमीनी स्तर पर प्रोजेक्ट में कई तरह की अनियमितताएं उजागर (Corruption) हुई हैं. इसमें मुखिया, संवेदक (ठेकेदार), सुपरवाइजर और पंचायत सचिव से लेकर कई अफसर तक बेनकाब हुए हैं. मामला सामने आने के बाद सरकार एक्शन मोड में है. अब तक 373 मुखिया पर प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई गई है. वहीं 45 ठेकेदार, 62 सुपरवाइजर, 32 पंचायत सचिव पर भी केस दर्ज करने का आदेश हुआ है.
'हर घर नल का जल' योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजक्ट में शामिल है. इसकी चर्चा वो अपने भाषणों में करते रहे हैं. इसमें गड़बड़ी मिलने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को प्रोजेक्ट में पूरी पारदर्शिता लाने और निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया है.
आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय द्वारा प्राप्त की गई जानकारी में अधिकांश मुखिया पर कमीशनखोरी से लेकर प्रोजेक्ट को पूरा कराने में लेट-लतीफी बरतने, काम की खराब गुणवत्ता जैसे गंभीर आरोप हैं. इनकी जांच हुई तो आरोप सही पाए गए. जिसके बाद अब दोषी सभी मुखिया को पद मुक्त करने की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही प्रोजेक्ट की निगरानी में चूक या लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर भी कार्रवाई होनी तय है. तेरह प्रखंड विकास पदाधिकारी और 10 पंचायत राज पदाधिकारी से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है.
'हर घर नल का जल' योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजक्ट में शामिल है. इसकी चर्चा वो अपने भाषणों में करते रहे हैं. इसमें गड़बड़ी मिलने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को प्रोजेक्ट में पूरी पारदर्शिता लाने और निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया है.
आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय द्वारा प्राप्त की गई जानकारी में अधिकांश मुखिया पर कमीशनखोरी से लेकर प्रोजेक्ट को पूरा कराने में लेट-लतीफी बरतने, काम की खराब गुणवत्ता जैसे गंभीर आरोप हैं. इनकी जांच हुई तो आरोप सही पाए गए. जिसके बाद अब दोषी सभी मुखिया को पद मुक्त करने की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही प्रोजेक्ट की निगरानी में चूक या लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर भी कार्रवाई होनी तय है. तेरह प्रखंड विकास पदाधिकारी और 10 पंचायत राज पदाधिकारी से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है.