प्रशांत किशोर ने उपचुनाव में मिली हार के बाद नीतीश-तेजस्वी को निशाने पर लिया है
पटना. बिहार में जन सुराज अभियान के साथ प्रशांत किशोर इन दिनों पदयात्रा पर हैं. उनकी पदयात्रा पिछले दो महीने से अधिक समय से बिहार में चल रही है. इस दौरान वो सरकार पर अलग-अलग मामलों को लेकर हमला भी बोल रहे हैं. इस बार प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के द्वारा 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दिए जाने और उपचुनाव के नतीजों पर हमला किया है.
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने पदयात्रा के दौरान कहा कि तेजस्वी यादव लालू यादव के बिना कुछ भी नहीं हैं. जिस चाचा-भतीजा के बारे में आप बात कर रहे हैं वो जनता के साथ सिर्फ धोखा कर रहे हैं. जब से ये चाचा-भतीजा सत्ता में आए हैं तब से तीन उपचुनाव हुए हैं, जिसमे दो में हार का सामना करना पड़ा है. एक चुनाव जीते क्योंकि वो बाहुबली की सीट थी.
पीके ने कहा कि उपचुनाव तो इनसे जीता नहीं जाता, ये मुझे चुनाव लड़ना क्या सिखाएंगे. 2015 में मैंने इनकी मदद नहीं की होती तो क्या महागठबंधन को जीत हासिल होती ? प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को राजनीति की कितनी समझ है ? 2015 में विधायक बने इससे पहले इनको कौन जानता था ? बिहार की जनता ने इनको नहीं चुना है. उन्होंने 10 लाख नौकरी का जो वादा किया था उसका क्या हुआ ? पत्रकार भी कभी उनसे सवाल पूछने का हिम्मत नहीं करते.
उन्होंने यह भी कहा था कि पहली कैबिनेट में जिस कलम से साइन करेंगे उससे दस लाख लोगों को नौकरी मिल जाएगी. पत्रकारों ने भी RJD के नेताओं से कभी नहीं पूछा कि कलम टूट गई है या उस कलम की स्याही सुख गई है ? कैबिनेट मीटिंग भी इस पर नहीं हो रही है. पीके ने कहा कि नीतीश कुमार आखिरी बार प्रेस कान्फ्रेस कब किए हैं यह किसी को याद भी नहीं है.
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