सच्चिदानंद
पटना. रामनवमी के अवसर पर बिहार की राजधानी पटना स्थित महावीर मंदिर में चार लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. इसको लेकर सारी तैयारियां लगभग पूरी हो गई है. भक्तों के लिए प्रसाद के तौर पर 20 हजार किलो नैवेद्यम बनाया जा रहा है. इसके लिए लगभग 120 कारीगर दिन-रात लगे हुए हैं. वो ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान-ध्यान कर के इस काम में लग जाते हैं. नैवेद्यम बनाने वाले सभी कारीगर आंध्र प्रदेश के तिरुपति के हैं, जो शुद्धता और पवित्रता के साथ इसको तैयार करते हैं.
नैवेद्यम कारखाने के प्रमुख शेषाद्री ने बताया कि रामनवमी को लेकर सभी कारीगर काम में लगे हुए हैं. लगभग साढ़े सात हजार किलो बेसन तैयार किया गया है. वहीं, 3500 किलो शुद्ध घी, 9000 किलो चीनी, 600 से 700 किलो काजू, 400 किलो किशमिश और 45 किलो इलायची का इस्तेमाल कर के 20 हजार किलो नैवेद्यम प्रसाद तैयार करेंगे.
ऐसे बनता है नैवेद्यम प्रसाद
शेषाद्री का कहना है कि नैवैद्यम प्रसाद बनाने से पहले सभी कारीगर रात दो बजे से इसमें जुट जाते हैं. सभी स्नान के बाद पूजा पाठ कर के साफ किये हुए कपड़ों को धारण करते हैं और फिर प्रसाद बनाते हैं. रात के दो बजे से दोपहर के दो बजे तक कारीगर काम में लगे रहते हैं. एक दिन में लगभग 10 हजार किलोग्राम नैवेद्यम बनाने की क्षमता है. नैवेद्यम बनाने के लिए सबसे पहले दाल से बेसन तैयार किया जाता है, जो कारखाने के ही मिल में तैयार होता है. उसके बाद, बेसन को पानी के साथ लगभग 5-7 मिनट तक मिक्स किया जाता है. फिर शुद्ध बेसन से बूंदिया तैयार की जाती है. बाद में चीनी की चासनी में डाल कर इसको मिलाया जाता है.
मिलाने के क्रम में ही बूंदिया के साथ-साथ भुना हुआ काजू, किशमिश और इलाइची मिलाया जाता है. चासनी में बूंदिया और ड्राई फ्रूट्स का मिश्रण लगभग 45 मिनट तक होता है. इसके बाद, मिश्रण को लड्डू बांधने वाले प्लेटफॉर्म पर रख दिया जाता है. यहां पर एक साथ 15 से 20 कारीगर खड़े होकर लड्डू बांधते हैं. यहां बैठकर लड्डू बनाने की परंपरा नहीं है. लड्डू बांधने के बाद उसे 250 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलो के पैकेट में रखा जाता है. फिर उसे महावीर मंदिर भेज दिया जाता है. महावीर मंदिर से ही नैवेद्यम कई अन्य मदिरों को भेजा जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा खपत यहीं होती है.
कर्नाटक से आता है घी, ऑस्ट्रेलियन दाल का प्रयोग
शेषाद्री के अनुसार नंदिनी के नाम से कर्नाटक से घी आता है. इस गाय के शुद्ध घी से लड्डू बनाया जाता है. वहीं, राजा ब्रांड के चने का मोटा दाल प्रयोग किया जाता है. चीनी गोपालगंज के चीनी मिल से आता है. जबकि, काजू-किशमिश केरल से आता है.
बता दें कि, महावीर मंदिर में नैवैद्यम लड्डू का दाम 330 रुपए प्रति किलोग्राम है. रामनवमी के मौके पर भक्तों की सुविधा के लिए यहां नैवेद्यम के 14 काउंटर लगाए जाएंगे. महावीर मंदिर के सामने, पटना जंक्शन प्रवेश द्वार संख्या-1, ऑटो स्टैंड, डाकबंगला चौराहा, जीपीओ गोलंबर, वीर कुंवर सिंह पार्क समेत प्रमुख स्थानों पर इन सभी काउंटर में महावीर मंदिर का नैवेद्यम उपलब्ध रहेगा.
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