मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पीड़ित लड़कियों में 29 नाबालिग लड़कियों के साथ मेडिकल जांच रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है. कुल 21 लड़कियों की रिपोर्ट को पीएमसीएच प्रशासन ने मुजफ्फरपुर कोर्ट और जिला प्रशासन को भेज दिया गया है. बाकि शेष 8 लड़कियों की भी रिपोर्ट शुक्रवार को भेज दी जाएगी.
पीएमसीएच के अधीक्षक राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि कुल 29 लड़कियों की जांच हुई है. रिपोर्ट गोपनीय है और इसके बारे में नहीं बता सकते हैं. संबंधित रिपोर्ट पुलिस के माध्यम से कोर्ट को भेज दिया गया है. रिपोर्ट स्तब्ध करने वाली है कि देश की बच्चियों के साथ भी ऐसा होता है.
अस्पताल के उपाधीक्षक रंजीत कुमार जमियार ने कहा कि रिपोर्ट चौंकाने वाली है. सभी लड़कियों की स्वास्थ्य की जांच हुई है, हालांकि किसी लड़की के प्रेंगनेंट होने की पुष्टि नहीं हुई है. मेडिकल बोर्ड बैठाकर रिपोर्ट फाइनल कर भेज दी गई है. एक सात साल की बच्ची का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है.
जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार न्यूज 18 के सवाल के जवाब में कह चुके हैं कि यह काफी घिनौना काम है और जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और साथ ही सरकार इस तरह की व्यवस्था बना रही है, ताकि आगे इस तरह की कोई घटना ना हो.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रहने वाली बालिकाओं ने अपने ही संस्थान के लोगों पर यौन शोषण और हिंसा का आरोप लगाया था. इस बात का खुलासा मुंबई की प्रतिष्ठित संस्था ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस’ नें अपनी सोशल ऑडिट रिपोर्ट में किया था. इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के आधार पर जिला बाल कल्याण संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने महिला थाने में बालिका गृह का संचालन करने वाले एनजीओ ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ के कर्ता धर्ता और पदाधिकारियों पर केस दर्ज कराया गया था.
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FIRST PUBLISHED : July 20, 2018, 15:29 IST