बिहार में 2000 सैप (स्पेशल ऑग्जिलरी पुलिस) की बहाली होनी है. इसको लेकर राज्य सरकार ने बहाली का विज्ञापन निकाला है. इसके लिये दानापुर आर्मी प्लेसमेंट सेल में 12 जून से 17 जून बहाली चल रही है. लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि चार दिनों में सैप में नौकरी के लिये 100 रिटायर फौजी ने भी आवेदन नहीं दिया है.
दरअसल सेना के जनरल ड्यूटी में रहे अधिकतम 45 वर्ष के रिटायर फौजियों का बिहार सरकार संविदा के आधार पर बहाली कर रही है. इसके लिये सरकार ने यह कानून बनाया है कि रिटायर्ड फौजी बिहार का निवासी होना चाहिये और बहाल किये गये ये सभी सैप के जवानों की तैनाती पुलिस उत्पाद विभाग में होनी है. पर जिस तरह से इस सैप की बहाली में अब तक कम आवेदन आये हैं इससे साफ है कि इस नौकरी में रिटायर्ड फौजियों की दिलचस्पी नहीं है. इससे पहले जो बहाली सैप की हुई थी उसमें रिटायर्ट फौजियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. लेकिन इस बार जो स्थिति देखने को मिल रही है वो चौंकाने वाली है.
सैप का गठन बिहार में एंटी नक्सल आॅपरेशन के लिये किया गया था. लेकिन इन जवानों को आॅपरेशन ड्यूटी में ना लगाकर अधिकारियों के घर पर लगा दिया गया. इससे इन लोगों का मनोबल टूट गया. इसके अलावा बिहार में शराबबंदी के बाद फौज में काम करने वाले या रिटायर्ड लोगों के लिये भी शराब मिलना मुश्किल हो गया है. इसको लेकर भी रिटायर्ड फौजी कई बार दानापुर से लेकर पटना तक प्रदर्शन कर चुके हैं.
बिहार के रिटायर्ड फौजियों का मानना है कि जब वो सेना में ड्यूटी पर होते हैं तब सरकार की ओर से उन्हें शराब उपलब्ध करायी जाती है. पर रिटायर्ड होने के बाद बिहार में शराब मिलना मुश्किल हो गया है. ये भी एक वजह है कि रिटायर्ड फौजियों में काम करने की दिलचस्पी खत्म हो रही है. ऐसे में सरकार इस बहाली को कैसे पूरा कर पाती है ये बड़ा सवाल है.
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