आमरण अनशन पर बैठे उपेंद्र कुशवाहा, बोले-नीतीश नहीं चाहते बिहार का विकास हो

पटना में आमरण अनशन करते उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा के इस आमरण अनशन को विपक्ष का सबसे बड़ा नेता बनने की कोशिश मानी जा रही है. इससे पहले भी उपेंद्र कुशवाहा गठबंधन के सभी नेताओं को साथ लेकर उसका नेतृत्व करने की कोशिश करते रहे हैं.
- News18 Bihar
- Last Updated: November 26, 2019, 4:28 PM IST
पटना. बिहार में केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा (RLSP) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) आमरण अनशन पर बैठ गए. पटना (Patna) में उपेंद्र कुशवाहा के इस आमरण अनशन को गठबंधन का भी समर्थन प्राप्त हुआ. मदन मोहन झा, जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) समेत तमाम गठबंधन के नेता इस अनशन में शामिल हुए. इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने ऐलान किया कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक अनशन चलता रहेगा.
अनशन में तेजस्वी छोड़ गठबंधन के सभी नेता हुए शामिल
उपेंद्र कुशवाहा के आज से शुरू हुए आमरण अनशन को गठबंधन के सभी नेताओं का समर्थन मिला। कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा हम प्रमुख जीतन राम मांझी वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी सीबीआई के सेक्रेटरी सत्यनारायण सिंह के साथ आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी और रामानुज यादव वी मौजूद रहे.
नीतीश पर उठाए सवालआमरण अनशन में उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर कई आरोप लगाए. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्र में मानव संसाधन राज्य मंत्री रहते हुए बिहार में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए नियम तक बदले पर बिहार सरकार की लापरवाही के कारण एक भी केंद्रीय विद्यालय नहीं खुल पाया. कुशवाहा ने बताया कि नवादा और औरंगाबाद के देव में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए मंजूरी केंद्र सरकार की मिल चुकी है सिर्फ बिहार सरकार की अनुमति चाहिए. पहले जमीन देने में परेशानी आ रही थी पर आज कई लोगों द्वारा जमीन दान देने के बावजूद बिहार सरकार कदम नहीं उठा रही है. उन्होंने कहा के जब पैसा केंद्र सरकार का लग रहा है और जमीन लोग दान में दे रहे हैं फिर नीतीश कुमार को क्या परेशानी है.
केंद्र के 13 अनुशंसित विद्यालय में 11 खुल चुके
उपेंद्र कुशवाहा ने अनशन शुरू करते हुए कहा कि जब वो राज्य मंत्री थे उस समय देश में 13 केंद्रीय विद्यालय खोलने की अनुशंसा हुई थी जिसमें से 11 केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई शुरू हो गई पर बिहार के दोनों विद्यालयों की नींव अभी तक नहीं रखा जा सकी है.गठबंधन नेताओं ने भी नीतीश पर बोला हमला
आज से शुरू हो रहे आमरण अनशन के मौके पर गठबंधन के नेताओं ने भी नीतीश कुमार पर हमला बोला. कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि नीतीश कुमार को उपेंद्र कुशवाहा की बात मान लेनी चाहिए. उपेंद्र कुशवाहा ने जो मांग उठाई है वो बिल्कुल जायज है. जीतन राम मांझी ने बिहार सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो पैसे केंद्र सरकार खर्च कर रही है वैसे ही स्थिति में बात नहीं मानने की जिद समझ से परे है
विपक्ष का नेता बनने की कोशिश
उपेंद्र कुशवाहा के इस आमरण अनशन को विपक्ष का सबसे बड़ा नेता बनने की कोशिश मानी जा रही है. इससे पहले भी उपेंद्र कुशवाहा गठबंधन के सभी नेताओं को साथ लेकर उसका नेतृत्व करने की कोशिश करते रहे हैं. माना जा रहा है कि बिहार की राजनीति से लगातार तेजस्वी के गायब रहने के कारण उपेंद्र कुशवाहा खुद को सबसे बड़ा नेता साबित करने में लगे हैं.
अनशन में तेजस्वी छोड़ गठबंधन के सभी नेता हुए शामिल
उपेंद्र कुशवाहा के आज से शुरू हुए आमरण अनशन को गठबंधन के सभी नेताओं का समर्थन मिला। कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा हम प्रमुख जीतन राम मांझी वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी सीबीआई के सेक्रेटरी सत्यनारायण सिंह के साथ आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी और रामानुज यादव वी मौजूद रहे.
नीतीश पर उठाए सवालआमरण अनशन में उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर कई आरोप लगाए. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्र में मानव संसाधन राज्य मंत्री रहते हुए बिहार में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए नियम तक बदले पर बिहार सरकार की लापरवाही के कारण एक भी केंद्रीय विद्यालय नहीं खुल पाया. कुशवाहा ने बताया कि नवादा और औरंगाबाद के देव में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए मंजूरी केंद्र सरकार की मिल चुकी है सिर्फ बिहार सरकार की अनुमति चाहिए. पहले जमीन देने में परेशानी आ रही थी पर आज कई लोगों द्वारा जमीन दान देने के बावजूद बिहार सरकार कदम नहीं उठा रही है. उन्होंने कहा के जब पैसा केंद्र सरकार का लग रहा है और जमीन लोग दान में दे रहे हैं फिर नीतीश कुमार को क्या परेशानी है.
केंद्र के 13 अनुशंसित विद्यालय में 11 खुल चुके
उपेंद्र कुशवाहा ने अनशन शुरू करते हुए कहा कि जब वो राज्य मंत्री थे उस समय देश में 13 केंद्रीय विद्यालय खोलने की अनुशंसा हुई थी जिसमें से 11 केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई शुरू हो गई पर बिहार के दोनों विद्यालयों की नींव अभी तक नहीं रखा जा सकी है.
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आज से शुरू हो रहे आमरण अनशन के मौके पर गठबंधन के नेताओं ने भी नीतीश कुमार पर हमला बोला. कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि नीतीश कुमार को उपेंद्र कुशवाहा की बात मान लेनी चाहिए. उपेंद्र कुशवाहा ने जो मांग उठाई है वो बिल्कुल जायज है. जीतन राम मांझी ने बिहार सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो पैसे केंद्र सरकार खर्च कर रही है वैसे ही स्थिति में बात नहीं मानने की जिद समझ से परे है
विपक्ष का नेता बनने की कोशिश
उपेंद्र कुशवाहा के इस आमरण अनशन को विपक्ष का सबसे बड़ा नेता बनने की कोशिश मानी जा रही है. इससे पहले भी उपेंद्र कुशवाहा गठबंधन के सभी नेताओं को साथ लेकर उसका नेतृत्व करने की कोशिश करते रहे हैं. माना जा रहा है कि बिहार की राजनीति से लगातार तेजस्वी के गायब रहने के कारण उपेंद्र कुशवाहा खुद को सबसे बड़ा नेता साबित करने में लगे हैं.
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First published: November 26, 2019, 4:09 PM IST
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