पटना. रेलवे एनटीपीसी परीक्षा परिणाम को लेकर छात्रों का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर जहां खान सर समेत पटना के कई कोचिंग संचालकों पर केस दर्ज कर लिए गए हैं, वहीं, बुधवार के बाद गुरुवार को भी बिहार के पटना, गया, नवादा समेत विभिन्न शहरों के साथ ही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और गोरखपुर से भी स्टूडेंट्स के उपद्रव की खबरें आईं. इस बीच रेलवे की एनटीपीसी परीक्षा और लेवल 1 (ग्रुप डी) परीक्षाओं पर अपडेट यह है कि रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) द्वारा नॉन-टेक्निकल पॉपुलर कटेगरी (एनटीपीसी) के दूसरे स्तर की परीक्षाओं – कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी 2) (Computer- Based Tests 2) और ग्रुप डी यानी आरआरसी लेवल 1 के पहले स्तर की परीक्षाओं – सीबीटी 1 पर रोक लगा दी गई है. बता दें कि दोनों भर्ती परीक्षाओं का आयोजन फरवरी 2022 के दौरान किया जाना था. रेलवे ने इन परीक्षाओं को स्थगित करते हुए एक हाई लेवल कमिटी गठित करने की घोषणा की है.
इसके तहत उम्मीदवार 16 फरवरी, 2022 तक अपनी शिकायत समिति के सामने रख सकते हैं. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कमेटी रेल मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेगी. यह कमिटी इस मामले में 4 मार्च को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. बहुत से लोगों को यह नहीं पता है कि आखिर छात्र अचानक इतने क्यों भड़क गए हैं और हिंसा कर रहे हैं. तो आइये इसे हम विस्तार से जानते हैं.
रेलवे पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप
बता दें कि रेलवे भर्ती बोर्ड (Railway Recruitment Board) द्वारा ग्रुप सी Non-Technical Popular Categeries यानी NTPC (गैर-तकनीकी) पदों के लिए 35 हजार से अधिक पदों के लिए वेकेंसी निकाली गई थी. इसके लिए आवेदन किए 1 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों में से योग्य के चयन के लिए निर्धारित चयन प्रक्रिया के अंतर्गत स्तर पर सात चरणों में आयोजित सीबीटी 1 (Computer- Based Tests 1) यानी कम्प्यूटर आधारित परीक्षण के परिणाम हाल ही में 14 जनवरी 2022 को घोषित किए गए थे. आरआरबी द्वारा घोषित नतीजों को लेकर उम्मीदवारों के विरोध में प्रमुख है.
विभिन्न पदों के लिए पहले स्तर पर सफल उम्मीदवारों की लिस्ट में कई के रोल नंबर एक से अधिक पदों के लिए हैं. उम्मीदवारों की मांग है कि विभिन्न पदों के लिए यूनीक रोल नंबर घोषित किए जाएं. हालांकि, इस मांग के साथ-साथ उम्मीदवारों के सभी कारणों का स्पष्टीकरण आरआरबी ने हाल ही में 18 जनवरी 2022 को एक विज्ञप्ति जारी करके दी.
क्या है छात्रों के विरोध की वजह? –RRB ग्रुप डी (लेवेल 1) परीक्षा
दूसरी ओर यहां यह बता दें कि रेलवे की अब तक की सबसे बड़ी 1 लाख से अधिक पदों की आरआरबी ग्रुप डी यानी आरआरसी रेलवे रिक्रूटमेंट सेल (RRC)) लेवल 1 भर्ती के लिए भी एक करोड़ से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया है. इस भर्ती के लिए जारी अधिसूचना (सीईएन-आरआरसी-01/2019) के अनुसार नियुक्ति हेतु योग्य उम्मीदवारों के चयन के लिए निर्धारित चयन प्रक्रिया के अंतर्गत पहले स्तर पर कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) का आयोजन किया जाएगा. हालांकि, रेलवे भर्ती बोर्ड ने 24 जनवरी 2022 को इस भर्ती के लिए संशोधन नोटिस जारी करते हुए घोषणा की कि उम्मीदवारों की अत्यधिक संख्या को देखते हुए अब पहले स्तर पर सीबीटी 1 के आयोजन के बाद दूसरे स्तर पर एक और परीक्षा – सीबीटी 2 का आयोजन किया जाएगा. इस नोटिफिकेशन के साथ ही बवाल और बढ़ गया.
छात्रों में इस कारण है भारी असंतोष
दरअसल, उम्मीदवारों की मांग है कि आरआरबी द्वारा अधिसूचना जारी होने के तीन वर्ष बाद चयन प्रक्रिया में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए. छात्रों का कहना है कि उन्होंने पूर्व घोषित प्रक्रिया के अनुसार तैयारी की है और प्रक्रिया एक अतिरिक्त स्तर जोड़े जाने के भर्ती पूरी करने में और भी देरी होगी. दूसरी ओर यह भी बता दें कि आरआरबी ने 13 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी. इसके रिजल्ट में बोर्ड द्वारा कई पदों के लिए एक ही उम्मीदवार का चयन कर लिया गया है. ऐसे में एक उम्मीदवार की वजह से दो से तीन छात्र दौड़ से बाहर हो गए और चयन से वंचित रह गए. इस बात को लेकर छात्रों में काफी असंतोष है.
आरोप- छात्र हित में नहीं है आरआरबी का फैसला
छात्रों का कहना है कि फरवरी 2019 को फार्म भरा गया था. रेलवे की तरफ से सितम्बर 2019 में परीक्षा कराने की बात कही गई थी, लेकिन निर्धारित समय पर परीक्षा नहीं ली गई. डिपार्टमेंट ने दिसंबर 2021 में कहा कि CBT की परीक्षा 23 फरवरी 2022 से शुरू होगी. अचानक रेलवे के तरफ से 18 जनवरी को नोटिस जारी किया गया कि ग्रुप-डी की एक परीक्षा (CBT) नहीं, बल्कि दो परीक्षा (CBT) लेने का निर्णय लिया गया है. यह निर्णय छात्र हित में नहीं है.
ग्रुप डी का रिजल्ट संशोधित करने की मांग
रेलवे भर्ती बोर्ड के इस नोटिफिकेशन से नाराज छात्रों का आरोप है कि एग्जाम में पहले ही देरी हो चुकी है. अब दो परीक्षा होने से और दो-तीन साल लग जाएंगे. छात्रों का यह भी कहना है कि NTPC की परीक्षा दिसम्बर 2020 से अप्रैल 21 में हुई थी. तब बोर्ड ने कहा था कि पीटी परीक्षा का रिजल्ट 20 गुना ज्यादा देंगे. नोटिफिकेशन के आधार पर बोर्ड अपने वादे पर खरा नहीं उतरा. छात्रों की मांग है कि ग्रुप-डी का नोटिफिकेशन वापस लें और एनटीपीसी रिजल्ट को संशोधित करें.
आरआरबी पर छात्रों से छल करने का आरोप
साल 2021 में परीक्षा हुई और साल 2022 में CBT-1 (NTPC) का रिजल्ट जारी किया गया. उस वक्त नोटिफिकेशन में यह बात लिखी गई थी कि रेलवे बोर्ड CBT-1 (NTPC) में 20 गुना रिजल्ट देगा, लेकिन इन्होंने एक छात्र को पांच जगह गिना. इससे यह तो हुआ कि छात्र को 20 गुना रिजल्ट दिया. लेकिन, छात्रों का कहना है कि यहां रेलवे ने छल किया है क्योंकि वास्तविकता में रेलवे बोर्ड ने मात्र 10-11 गुना रिजल्ट दिया है. छात्र यह कहते हैं कि कुल पदों से 20 गुना अधिक रिजल्ट देंगे तो कायदे से 35,000 बहालियों के लिए सात लाख लोगों का रिजल्ट देना था, लेकिन आरआरबी ने केवल साढ़े तीन लाख लोगों का रिजल्ट दिया है.
20 गुना के बदले महज 11 गुना ही दिया रिजल्ट
अभ्यर्थियों के अनुसार आरआरबी ने 2019 में एनटीपीसी का 35000 पदों पर बहाली निकाली था और उसकी परीक्षा सितंबर 2021 में ली गई थी. अब जब रिजल्ट जारी किया है तो उसमें 20 गुना की जगह 11 गुना छात्रों का रिजल्ट जारी किया है. जिसके कारण 3.80 लाख छात्रों को सीबीटी-2 से वंचित रह गए हैं. एक ही छात्रों का 6 पदों पर रिजल्ट घोषित किया गया है, जबकि कोई भी छात्र एक ही पद पर बहाल होगा. इस तरह इस बहाली में भी सीट खाली रह जाएगी.
छात्रों का विरोध इस बात पर भी है कि इंटरमीडिएट वाले में ग्रेजुएशन वाले को बैठा दिया. यहां तक तो बर्दाश्त किया, लेकिन जब परीक्षा परिणाम आया तो कट ऑफ अलग-अलग निकाल दिया जबकि पहले नोटिफिकेशन में यह लिखा था कि सबका रिजल्ट एक होगा. छात्र यह भी सवाल उठाते हैं कि आखिर पद (POST) के हिसाब से कट ऑफ CBT-1 में क्यों दिया? पोस्ट के हिसाब से कट ऑफ तो CBT-2 में होता है और इतना अधिक कट ऑफ जाने का एक ही कारण हो सकता है कि यहां छात्रों को 20 गुना रिजल्ट नहीं दिया गया है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Bihar latest news, RRB jobs, RRB Recruitment