रूपेश सिंह मर्डर का साइड इफेक्ट! बिना कैरेक्टर सर्टिफिकेट के अब बिहार में नहीं मिलेगा कोई कॉन्ट्रैक्ट

सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
Rupesh Singh Murder: बड़े कॉन्ट्रैक्ट के साथ ही अब बस स्टॉप, पार्किंग, सब्जी हाट जैसे ठेके भी नए आदेश के दायरे में आएंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: January 22, 2021, 9:33 PM IST
पटना. इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह हत्याकांड (Rupesh kumar Singh murder case) के 10 दिन हो गए पर अब तक अपराधियों का सुराग नहीं मिल सका है. हालांकि, बिहार के डीजीपी एसके सिंघल (DGP SK Singhal) ने दावा किया है कि पुलिस इस हत्याकांड के सभी पहलुओं की जांच कर रही है और जल्द ही गिरफ्तारी होगी. इस बीच पुलिस ने यह भी दावा किया है कि हत्या का मामला कांट्रैक्ट यानि ठेका विवाद की पृष्ठभूमि से जुड़ा है. अब नीतीश सरकार ने इससे जुड़ा ही एक फैसला किया है. अब बिहार में सभी तरह के सरकारी ठेके में चरित्र प्रमाणपत्र को अनिवार्य कर दिया गया है. यानी अब कोई भी ठेका लेने के पहले ठेकेदार को एसपी कार्यालय से जारी किया गया चरित्र प्रमाणपत्र जमा करना होगा, तभी उन्हें ठेका दिया जाएगा.
बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को मुख्य रूप से ठेकेदारों को दिए जाने वाले चरित्र प्रमाणपत्र को लेकर ही बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, जल्दी ही इसको लेकर सभी विभागों को आदेश जारी किया जाएगा. ठेकेदार के साथ-साथ वहां काम करने वाले सभी कर्मियों का भी चरित्र प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया है. जिनके पास चरित्र प्रमाणपत्र नहीं होंगे, उन्हें काम करने की अनुमति नहीं होगी.
जानकारी के अनुसार, अब बस स्टॉप, पार्किंग, सब्जी हाट जैसे ठेके भी इसमें शामिल हैं, क्योंकि इसमें लोगों से ठेकेदार के कर्मियों का सीधे संपर्क होता है. इसमें सभी कर्मियों को ठेकेदार द्वारा पहचान पत्र देना होगा. इसके बाद बिहार सरकार उनके पहचान पत्रों की जांच भी कराएगी फिर ठेका देने की प्रक्रिया आगे बढ़ पाएगी.बता दें कि इस बैठक में डीजीपी संजीव कुमार सिंघल और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी भी उपस्थित थे. बैठक के बाद मुख्य सचिव ने कहा कि जितने भी तरह के सरकार के ठेके हैं, उनमें ठेकेदार को चरित्र प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से लेना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि चरित्र प्रमाणपत्र लेने की यह परंपरा पहले से रही है पर, अब हमलोगों ने कहा है कि इसे पूरी सख्ती से लागू कराया जाएगा.
यह मामला पूरी तरह से सियासी भी बन गया है. तेजस्वी यादव ने जहां इसमें सत्ता पक्ष के शामिल होने का आरोप लगाया है, वहीं राजद-कांग्रेस व लोजपा ने रूपेश हत्याकांड की जांच सीबीआई ने कराने की मांग की है. पर सरकार सीबीआई जांच की मांग को अनसुनी कर रही है.
बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को मुख्य रूप से ठेकेदारों को दिए जाने वाले चरित्र प्रमाणपत्र को लेकर ही बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, जल्दी ही इसको लेकर सभी विभागों को आदेश जारी किया जाएगा. ठेकेदार के साथ-साथ वहां काम करने वाले सभी कर्मियों का भी चरित्र प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया है. जिनके पास चरित्र प्रमाणपत्र नहीं होंगे, उन्हें काम करने की अनुमति नहीं होगी.
जानकारी के अनुसार, अब बस स्टॉप, पार्किंग, सब्जी हाट जैसे ठेके भी इसमें शामिल हैं, क्योंकि इसमें लोगों से ठेकेदार के कर्मियों का सीधे संपर्क होता है. इसमें सभी कर्मियों को ठेकेदार द्वारा पहचान पत्र देना होगा. इसके बाद बिहार सरकार उनके पहचान पत्रों की जांच भी कराएगी फिर ठेका देने की प्रक्रिया आगे बढ़ पाएगी.बता दें कि इस बैठक में डीजीपी संजीव कुमार सिंघल और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी भी उपस्थित थे. बैठक के बाद मुख्य सचिव ने कहा कि जितने भी तरह के सरकार के ठेके हैं, उनमें ठेकेदार को चरित्र प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से लेना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि चरित्र प्रमाणपत्र लेने की यह परंपरा पहले से रही है पर, अब हमलोगों ने कहा है कि इसे पूरी सख्ती से लागू कराया जाएगा.
यह मामला पूरी तरह से सियासी भी बन गया है. तेजस्वी यादव ने जहां इसमें सत्ता पक्ष के शामिल होने का आरोप लगाया है, वहीं राजद-कांग्रेस व लोजपा ने रूपेश हत्याकांड की जांच सीबीआई ने कराने की मांग की है. पर सरकार सीबीआई जांच की मांग को अनसुनी कर रही है.