बिहार: शाही लीची पर ‘रेड बग’ का हमला, बर्बाद हो सकते हैं किसान, 15 फीसदी तक फसल चट कर रहे कीड़े

बिहार में लीची की फसल पर अभी से मंडराया खतरा
Bug Attack on Shahi Lychee Crop: देश के कुल लीची उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी 65 प्रतिशत से ज्यादा है. मुजफ्फरपुर जिला लीची उत्पादन का सबसे बड़ा हब है, लेकिन लाल रंग के कीटों के हमले से इस बार लीची की फसल खराब होने और किसानों के सामने बर्बादी का खतरा मंडरा रहा है.
- News18 Bihar
- Last Updated: March 18, 2021, 12:19 PM IST
पटना/मोतिहारी/ मुजफ्फरपुर. देश में सबसे ज्यादा शाही लीची की फसल पैदा करने वाले किसानों के सामने बर्बादी का खतरा मंडरा रहा है. वजह है उनकी फसल पर लाल रंग के स्टीम बग कहलाने वाले कीटों ने बड़े पैमाने पर हमला बोल दिया है. फसल आने से पहले ही कीड़ों को देख कर किसानों और लीची का कारोबार करने वालों के होश उड़ गए हैं.
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले का नाम आते ही मन में सबसे पहले लीची (Shahi Lychee) का ख्याल आता है क्योंकि शाही लीची उत्पादन इस इलाके की पहचान है, लेकिन शाही लीची के लिये हब के रूप में विकसित मोतिहारी जिले के मेहसी इलाके में लीची उत्पादन करने वाले किसानों के सामने अब बडा संकट खडा हो गया है. मेहसी और आसपास के क्षेत्रों में करीब 8 हजार हेक्टेयर में शाही लीची का उत्पादन होता है लेकिन लीची के पेड़ों में मंजर लगने के साथ ही डाली पर लाल रंग के कीड़े का बड़े पैमाने पर हमला हो गया है..
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले का नाम आते ही मन में सबसे पहले लीची (Shahi Lychee) का ख्याल आता है क्योंकि शाही लीची उत्पादन इस इलाके की पहचान है, लेकिन शाही लीची के लिये हब के रूप में विकसित मोतिहारी जिले के मेहसी इलाके में लीची उत्पादन करने वाले किसानों के सामने अब बडा संकट खडा हो गया है. मेहसी और आसपास के क्षेत्रों में करीब 8 हजार हेक्टेयर में शाही लीची का उत्पादन होता है लेकिन लीची के पेड़ों में मंजर लगने के साथ ही डाली पर लाल रंग के कीड़े का बड़े पैमाने पर हमला हो गया है..
लीची तो दूर पेड़ के पत्ते भी बचना मुश्किल
इन कीटों के हमले से ऐसा लग रहा है कि लीची खाना तो दूर की बात है, पेड़ पर लगे पत्ते भी बचना मुश्किल है. जानकारी के मुताबिक ये कीड़े लीची लगने वाले डंठलों को अब तक 15 प्रतिशत तक चट कर चुके हैं. बिहार में मुजफ्फपुर के बाद मोतिहारी जिले के मेहसी में सबसे ज्यादा लीची का उत्पादन होता है, लेकिन पेड़ में स्टीम बग के हमले से लीची के फसल की बर्बादी की आशंका बढ गयी है. बहुत पेड़ों पर लीची के डंठलों में अभी तक दाना भी नहीं निकला है.. मेहसी और उसके आसपास सटे इलाके में तकरीबन 8 हजार हेक्टेयर में लीची का उत्पादन होता है, लेकिन यहां के किसान फसल बर्बादी का खतरा देख सिर पीट रहे हैं.