सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सीबीआई और बिहार सरकार की कार्यशैली की बखिया उधेड़ दी है.
करते हुए SC vs बेहद तल्ख लहजे में टिप्पणी करते हुए सीबीआई के जांच अधिकारी एके शर्मा के ट्रांसफर पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने साफ तौर पर पूछा कि आखिर उनका ट्रांसफर क्यों किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि आप कोर्ट के आदेश से खेल रहे हैं. कोर्ट ने न्यायालय के अवमानना के मामले में तत्कालीन अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को मंगलवार को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का निर्देश दिया गया है.
जांच अधिकारी ए के शर्मा के तबादले पर नाराज कोर्ट ने सीबीआई के बयान को कोट करते हुए कहा कि आपने 31 अक्टूबर को कहा था कि ए.के. शर्मा जांच टीम की सीनियर मोस्ट अफसर हैं उनको ट्रांसफर नहीं किया जाएगा. कोर्ट ने CBI से कहा कि आप SC के आदेश से खेल रहे हैं. आपको पता नहीं है कि आपने क्या किया है. अब भगवान ही आपकी मदद कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप मानते हैं कि कोर्ट के आदेश की अवमानना हुई है. आपका मामला अवमानना के लिए फिट केस है. क्योंकि ए.के. शर्मा ज्वाइंट डायरेक्टर CBI थे और उन्हीं की निगरानी में शेल्टर होम की जांच चल रही थी. फिर उनका ट्रांसफर क्यों किया गया?
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को भी घेरते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि 17 जनवरी 2019 को कैबिनेट कमिटी की स्वीकृति के बाद उनका ट्रांसफर किया गया. उनको CRPF में एडिशनल डायरेक्टर बनाया गया. इस बीच कोर्ट ने एडिशनल डायरेक्टर और तब के इंचार्ज एम. नागेश्वर डायरेक्टर को तलब किया है.
गौरतलब है कि तत्कालीन अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने तबादले के हलफनामा ऑर्डर पर दस्तखत किए थे. कोर्ट ने कहा कि पर्सनल ग्रीवांस पर कुछ नहीं होना चाहिए. कानून सबसे ऊपर है, कोई अधिकारी या नेता इससे ऊपर नहीं हो सकता. इस मामले में कोर्ट का कोई अप्रूवल नहीं लिया गया. कोर्ट ने मंगलवार को नागेश्वर राव को पेश व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का निर्देश दिया गया है.
आपको बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुबह ही सुनवाई करते हुए नीतीश सरकार को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप बच्चों के साथ इस तरह का बर्ताव करते हैं. आप इस तरीके की चीजों की इजाजत नहीं दे सकते. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बिहार की सीबीआई अदालत से दिल्ली के साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है.
कोर्ट के इस फैसले के बाद सभी आरोपियों का ट्रायल भी अब दिल्ली में ही चलेगा. इसके लिए कोर्ट ने दिल्ली के साकेत कोर्ट को चुना है. मालूम हो कि बिहार के इस बहुचर्चित केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रही है.
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FIRST PUBLISHED : February 07, 2019, 16:15 IST