ट्रेड यूनियन्स की हड़ताल का बिहार में मिलाजुला असर, सड़कों पर उतरे इंटक कार्यकर्ता

पटना की सड़कों पर हड़ताल का मिला जुला असर दिखा.
ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के बीच आज बिहार के अधिकतर बैंको में कामकाज ठप रहे. बिहार में विभिन्न बैंकों की लगभग 7600 बैंक की शाखाएं बंद रही. हालांकि एटीएम खुले होने के कारण लोगों को कुछ राहत मिली, लेकिन बैंकों में होने वाले ट्रांसजेक्शन पर खास असर पड़ा.
- News18 Bihar
- Last Updated: January 8, 2020, 3:58 PM IST
पटना. केंद्रीय ट्रेड यूनियन्स के राष्ट्रव्यापी हड़ताल का पटना में मिलाजुला असर देखने को मिला.
विभिन्न संगठनों द्वारा किये गए हड़ताल में जहां अधिकतर सरकारी बैंक बंद रहे, वहीं यातायात पूरी तरह से खुले रहे. आज के हड़ताल में इंटक, एटक सहित कई श्रम संगठन शामिल हुए. इंटक के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी भी की. हालांकि यातायात पर अधिक प्रभाव नहीं दिखा.
बैंक हड़ताल का बाजार पर दिखा असर
विभिन्न ट्रेड यूनियनों के हड़ताल के बीच आज बिहार के अधिकतर बैंको में कामकाज ठप रहा. बिहार में विभिन्न बैंकों की लगभग 7600 बैंक की शाखाएं बंद रही. हालांकि एटीएम खुले होने के कारण लोगों को कुछ राहत मिली, लेकिन बैंकों में होने वाले ट्रांसजेक्शन पर खास असर पड़ा. प्रोवेंशियल बैंक इम्प्लॉय एसोसिएशन के महासचिव संजय तिवारी ने मांग रखते हुए बताया कि बैंकों के मर्जर को बंद किया जाना चाहिए और खराब ऋण की सख्ती के वसूली के साथ नए भर्ती किये जाने चाहिए.हड़ताल पर सियासी बयानबाजी
ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को कांग्रेस और आरजेडी के साथ जदयू ने भी समर्थन दिया. कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र के श्रम विरोधी कानूनों के कारण आज देश में बेरोजगारी बढ़ रही है सार्वजनिक संपत्तियों को बेचा जा रहा है. यही कारण है कि आज देश के बीच करोड़ मज़दूर ने हड़ताल किया है.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा की श्रम कानूनों में किए जा रहे संशोधनों को तत्काल खत्म करना चाहिए ताकि लोगों को राहत पहुंचे और बैंकों के मर्जर को रोका जाना चाहिए. वहीं, जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता राजीव रंजन ने श्रमिकों की हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा श्रमिकों के कई मांग जायज हैं. कामगारों के कारण ही देश का विकास हो रहा है ऐसे में कामगारों के जो भी जायज मांगे हैं उसे तत्काल पूरा किया जाना चाहिए.
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