रिपोर्ट: सच्चिदानंद
पटना. सामान्यतया बैंक रविवार को बंद रहती है. बच्चों का अकाउंट नहीं खुलता है और एक रुपए की जमा निकासी नहीं होती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे बैंक के बारे में बताने जा रहे हैं जहां यह सारे काम होते हैं. यानी कि रविवार को भी यह बैंक खुलता भी है, बच्चों का अकाउंट भी खुलता और कम से कम एक रुपए की जमा निकासी भी होती है. यह सारी व्यवस्था पटना के गुल्लक बैंक में मौजूद है. यह पहला ऐसा बैंक है जो बच्चों के द्वारा और बच्चों के लिए संचालित होती है. यहां 8 से 16 साल के बच्चों का अकाउंट खुलता है और बच्चों के द्वारा ही संचालित किया जाता है. दरअसल यह बच्चा बैंक है. लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में इस बैंक का नाम दर्ज है.
बच्चे ही चलाते हैं बैंक
राजधानी के किलकारी भवन में स्थित इस बैंक का उद्देश छोटी उम्र में बच्चों को बचत करने को प्रोत्साहित करना है. बैंक के प्रबंधक विष्णु कुमार ने न्यूज 18 लोकल को बताया कि यहां एक शिफ्ट में तीन लोग काम करते हैं. सभी किलकारी से जुड़े बच्चे होते हैं. यह बच्चों के लिए बच्चों के द्वारा संचालित होता है. इस बैंक में एक रुपया से लेकर जितना चाहें जमा कर सकते हैं. इस बैंक में अबतक 4025 बच्चों अकाउंट खुल चुका है, तो वहीं लगभग 83 लाख की लेन-देन हो चुकी है. 500 से अधिक के निकासी पर अभिभावक की अनुमति लगती है. इसके साथ ही इस बैंक के खाताधारियों को उनके जमा राशि पर 4 प्रतिशत का वार्षिक ब्याज भी दिया जाता है. इस बैंक का पासबुक, चेकबुक समेत सारी सुविधा बाकी बैंक जैसी ही होती है.
लॉकडाउन में बच्चों ने घरवालों की मदद
इस बैंक में बच्चे अपने पॉकेट मनी में मिले पैसों से बचत करके जमा करते हैं. ऐसे में लॉकडाउन के समय कई बच्चों ने अपने बचत खाते से पैसे निकाल कर घरवालों की मदद की. इसके साथ ही कैंटीन में खाना खाने के लिए, साइकिल, किताब लेने जैसे कामों के लिए पैसों की निकासी भी करते हैं. हर बच्चों के पास अपना पासबुक होता है, जिसमें सभी लेन देन की जानकारी अंकित होती है. इसके साथ ही हर साल बच्चों का केवाईसी भी किया जाता है. आपको बता दें कि गुल्लक बैंक की स्थापना 14 नवंबर 2009 को बाल दिवस के मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने की थी. 2009 से लेकर यह बैंक अपना काम कर रही है.
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