मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस: ये हैं वो 'गुनहगार' जिनपर CBI ने लगाए हैं गंभीर आरोप
News18 Bihar Updated: November 14, 2019, 9:41 AM IST

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसकी राजदार शाइस्ता परवीन उर्फ मधु . (फाइल फोटो)
ब्रजेश ठाकुर सेवा संकल्प एवं विकास समिति नामक NGO का कार्यपालक निदेशक था. CBI के अनुसार, वह अन्य आरोपियों के साथ मिलकर लड़कियों को गंदे गानों पर डांस करने के लिए मजबूर करता था.
- News18 Bihar
- Last Updated: November 14, 2019, 9:41 AM IST
पटना. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन शोषण मामले (Muzaffarpur Shelter Home Rape Case) में करीब 7 महीने की नियमित सुनवाई के बाद साकेत कोर्ट (Saket Court) ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज इस मामले में फैसला आ जाएगा. इस मामले में 21 आरोपियों पर चार्जशीट (Chargesheet) दायर की गई थी, जिसमें मुख्य आरोपी बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर (Brajeh Thakur) को बनाया गया है. CBI ने ब्रजेश ठाकुर सहित सभी 21 आरोपियों पर बेहद ही संगीन आरोप लगाए हैं.
इस मामले में दायर चार्जशीट की कॉपी के अनुसार, इस गुनाह में एक पूरा नेक्सस काम करता था जिसका मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर था. इसमें उसके साथ रवि रोशन और मामू सहित बालिका गृह के अन्य कर्मचारी सहयोगी था. वह अन्य आरोपितों के साथ मिलकर लड़कियों को गंदे भोजपुरी गानों पर डांस करने को विवश करता था और लड़कियों को दूसरे के पास भेजता भी था.
ये हैं शेल्टर होम मामले के प्रमुख आरोपी
ब्रजेश ठाकुर: बालिका गृह का वास्तविक मालिक था और वही इसका संचालन करता था. वह एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति का कार्यपालक निदेशक था. इसी एनजीओ के माध्यम से बालिका गृह का संचालन होता था. उस पर बालिका गृह की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है.शाइस्ता परवीन उर्फ मधु: यह ब्रजेश ठाकुर की खास राजदार थी और एनजीओ सेवा संकल्प और विकास समिति के प्रबंधन से जुड़ी थी. आरोप है कि वह लड़कियों को सेक्स की शिक्षा देती थी और गंदे गाने पर डांस करने को विवश करती थी. इससे मना करने वाली लड़कियों को सजा के तौर पर नमक रोटी खाने को दिया जाता था.
रवि कुमार रोशन: यह बाल संरक्षण पदाधिकारी (सीपीओ) था. ब्रजेश के साथ-साथ इस पर भी अधिकतर लड़कियों ने दुष्कर्म का आरोप लगाया गया है. वह छोटे कपड़े में वल्गर गाने पर डांस करने के लिए लड़कियों को विवश करता था.
विकास कुमार: यह बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) का सदस्य था. उस पर भी लड़कियों ने दुष्कर्म का आरोप लगा है. यह अन्य आरोपितों के साथ मिलकर लड़कियों को स्लीपिंग पिल्स देता था.दिलीप कुमार वर्मा: यह बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) का अध्यक्ष था. लड़कियों ने उसकी पहचान फोटो से की. इसने उसे सबसे गंदा आदमी बताया. उस पर भी रेप का आरोप लगा है. यह ब्रजेश ठाकुर का खास था.
रोजी रानी: यह बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक थी. आरोप है कि लड़कियों ने उसे सारी घटनाओं की जानकारी दी, लेकिन उसने कोई एक्शन नहीं लिया. उस पर आरोपितों को सहयोग करने का आरोप लगाया गया है.
डॉ. प्रमीला: यह बालिका गृह की लड़कियों की स्वास्थ्य जांच करती थी. लड़कियों ने उसे बताया कि ब्रजेश, रवि रोशन, विजय व विकास ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. इस पर उसने बस इतना कहा कि कोई बात नहीं तुम लोगों को दवा दे दूंगी. इसने पीड़िता की कोई मदद नहीं की.
रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहेब उर्फ मास्टर जी: यह ब्रजेश के पारिवारिक प्रेस का मैनेजर था. लड़कियों ने इसे गंदा आदमी बताया है. उसपर लड़कियों को गंदी नजर से देखने का आरोप है. रामाशंकर पर लड़कियों से साथ दुष्कर्म और पिटाई करने का आरोप है.
डॉ. अश्वनी उर्फ आसमनी: बालिका गृह की लड़कियां इस डॉक्टर से काफी भयभीत रहती थीं. यह लड़कियों को ट्रैंक्यूलाइज्ड कर बेहोश करता था. यह अपने आला से लड़कियों को बिना कपड़े के जांच करता था.
विजय कुमार तिवारी, गुड्डू और कृष्णा राम: सभी ब्रजेश ठाकुर का नौकर था. सभी पर लड़कियों से दुष्कर्म करने और पिटाई करने का आरोप लगाया गया है.
विक्की: मधु का भतीजा है. यह भी रात में बालिका गृह पहुंचता था. किशोरियों से यौन हिंसा करता था.
इंदू कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी: सभी बालिका गृह की कर्मचारी थीं. इन सभी पर लड़कियों को नशे की दवाई देने, मारपीट करने के आरोप हैं. इनपर बालिका गृह की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने वाले ब्रजेश, विकास, दिलीप, रवि रोशन और अन्य का सहयोग करने का भी आरोप है.
एक महिला कर्मचारी पर लड़कियों से साथ आपत्तिजनक स्थिति में सोने का भी आरोप है. यह अन्य महिला कर्मचारियों के साथ मिलकर लड़कियों की पिटाई करती थी.
ये भी पढ़ें-
इस मामले में दायर चार्जशीट की कॉपी के अनुसार, इस गुनाह में एक पूरा नेक्सस काम करता था जिसका मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर था. इसमें उसके साथ रवि रोशन और मामू सहित बालिका गृह के अन्य कर्मचारी सहयोगी था. वह अन्य आरोपितों के साथ मिलकर लड़कियों को गंदे भोजपुरी गानों पर डांस करने को विवश करता था और लड़कियों को दूसरे के पास भेजता भी था.
ये हैं शेल्टर होम मामले के प्रमुख आरोपी
ब्रजेश ठाकुर: बालिका गृह का वास्तविक मालिक था और वही इसका संचालन करता था. वह एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति का कार्यपालक निदेशक था. इसी एनजीओ के माध्यम से बालिका गृह का संचालन होता था. उस पर बालिका गृह की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है.शाइस्ता परवीन उर्फ मधु: यह ब्रजेश ठाकुर की खास राजदार थी और एनजीओ सेवा संकल्प और विकास समिति के प्रबंधन से जुड़ी थी. आरोप है कि वह लड़कियों को सेक्स की शिक्षा देती थी और गंदे गाने पर डांस करने को विवश करती थी. इससे मना करने वाली लड़कियों को सजा के तौर पर नमक रोटी खाने को दिया जाता था.
रवि कुमार रोशन: यह बाल संरक्षण पदाधिकारी (सीपीओ) था. ब्रजेश के साथ-साथ इस पर भी अधिकतर लड़कियों ने दुष्कर्म का आरोप लगाया गया है. वह छोटे कपड़े में वल्गर गाने पर डांस करने के लिए लड़कियों को विवश करता था.
विकास कुमार: यह बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) का सदस्य था. उस पर भी लड़कियों ने दुष्कर्म का आरोप लगा है. यह अन्य आरोपितों के साथ मिलकर लड़कियों को स्लीपिंग पिल्स देता था.
Loading...
रोजी रानी: यह बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक थी. आरोप है कि लड़कियों ने उसे सारी घटनाओं की जानकारी दी, लेकिन उसने कोई एक्शन नहीं लिया. उस पर आरोपितों को सहयोग करने का आरोप लगाया गया है.
डॉ. प्रमीला: यह बालिका गृह की लड़कियों की स्वास्थ्य जांच करती थी. लड़कियों ने उसे बताया कि ब्रजेश, रवि रोशन, विजय व विकास ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. इस पर उसने बस इतना कहा कि कोई बात नहीं तुम लोगों को दवा दे दूंगी. इसने पीड़िता की कोई मदद नहीं की.
रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहेब उर्फ मास्टर जी: यह ब्रजेश के पारिवारिक प्रेस का मैनेजर था. लड़कियों ने इसे गंदा आदमी बताया है. उसपर लड़कियों को गंदी नजर से देखने का आरोप है. रामाशंकर पर लड़कियों से साथ दुष्कर्म और पिटाई करने का आरोप है.
डॉ. अश्वनी उर्फ आसमनी: बालिका गृह की लड़कियां इस डॉक्टर से काफी भयभीत रहती थीं. यह लड़कियों को ट्रैंक्यूलाइज्ड कर बेहोश करता था. यह अपने आला से लड़कियों को बिना कपड़े के जांच करता था.
विजय कुमार तिवारी, गुड्डू और कृष्णा राम: सभी ब्रजेश ठाकुर का नौकर था. सभी पर लड़कियों से दुष्कर्म करने और पिटाई करने का आरोप लगाया गया है.
विक्की: मधु का भतीजा है. यह भी रात में बालिका गृह पहुंचता था. किशोरियों से यौन हिंसा करता था.
इंदू कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी: सभी बालिका गृह की कर्मचारी थीं. इन सभी पर लड़कियों को नशे की दवाई देने, मारपीट करने के आरोप हैं. इनपर बालिका गृह की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने वाले ब्रजेश, विकास, दिलीप, रवि रोशन और अन्य का सहयोग करने का भी आरोप है.
एक महिला कर्मचारी पर लड़कियों से साथ आपत्तिजनक स्थिति में सोने का भी आरोप है. यह अन्य महिला कर्मचारियों के साथ मिलकर लड़कियों की पिटाई करती थी.
ये भी पढ़ें-
News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए पटना से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.
First published: November 14, 2019, 9:00 AM IST
Loading...