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बिहार में उद्योग को लेकर युवा उद्यमी को किस बात का है मलाल? नीतीश सरकार से की ये अपील

बिहार के युवा उद्यमी साकेत गौरव ने आंध्र प्रदेश में अपनी यूनिट लगाई.

बिहार के युवा उद्यमी साकेत गौरव ने आंध्र प्रदेश में अपनी यूनिट लगाई.

Bihar News: न्यूज़ 18 बिहार ने बिहार के ही रहने वाले साकेत गौरव से विशेष बातें कीं. साकेत गौरव पटना के ही रहने वाले हैं ...अधिक पढ़ें

पटना. बिहार के एक राज्य के तौर पर अस्तित्व में आने के 111 वर्ष हो गए हैं. आज बिहार के विकास की बातें हो रहीं हैं. लेकिन, इन सब के के बीच बिहार में अभी भी औद्योगिक माहौल नहीं बनने से बिहार के लोग और युवा उद्यमी निराश हैं. हालांकि, वो मानते हैं कि सरकार ने पिछले कुछ सालों में काम किया है, किन्तु फिर भी कई ऐसे औद्योगिक क्षेत्र, औद्योगिक समूह और उद्यमी हैं जिनमें बिहार के लिए अभी भी निराशाजनक माहौल है. बिहार दिवस समारोह के अवसर पर बिहार के लोग जो बाहर रहते हैं उन्होंने भी इसमें शिरकत की है. अभी भी इन्हें बिहार में अच्छे औद्योगिक माहौल की उम्मीद है.

न्यूज़ 18 बिहार ने बिहार के ही रहने वाले साकेत गौरव से विशेष बातें कीं. साकेत गौरव पटना के ही रहने वाले हैं और 12वीं की शिक्षा पटना के एएन कॉलेज में ली है. फिर उच्च शिक्षा के लिए साकेत मास्को चले गए. मास्को में कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की डिग्री ली 2 वर्षों तक मास्को में जॉब भी किया. फिर भारत में 2002 तक उन्होंने जॉब किया और बेहतर काम की तलाश में दुबई के लिए चले गए.

साकेत ने कहा कि 2020 में आत्मनिर्भर भारत के तहत मेक इन इंडिया पर बल दिया गया. इसके बाद उन्होंने एलिस्ता नामक कंपनी बनाकर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एनआईटी मैन्युफैक्चरर के मार्केट में अपनी एंट्री की. उनकी कंपनी टीवी, वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेशन, एयर कुलर, मॉनिटर की बोर्ड बनाती है. साकेत ने आंध्र प्रदेश में 250 करोड़ का निवेश किया है.

साकेत का कहना है आंध्र प्रदेश सरकार ने इन्वेस्टर समिति के लिए आमंत्रण दिया था और 4 एकड़ जमीन निवेश के लिए मुहैया भी कराया था. साकेत ने बताया उनकी यूनिट अप्रैल 2024 तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगी. उनका लक्ष्य कि 2025 तक 1 साल में दो लाख टीवी सेट तैयार कर दें. साकेत ने बताया इस बात का उन्हें मलाल होता है कि उनके जैसे बिजनेसमैन को आंध्र प्रदेश की सरकार ने इन्वेस्टर मीट से बुलाया, बिहार में कोई पूछ नहीं.

साकेत ने बताया कि आंध्रप्रदेश पोर्ट के नजदीक है, इसलिए वहां पर ट्रांसपोर्टेशन सस्ता है. जबकि आंध्र प्रदेश जैसे शहरों में स्किल्ड मजदूर बहुत मिलते हैं. बिहार में स्किल्ड मजदूरों की कमी है और पोर्ट नहीं होने से बिहार में इस तरह के उद्योगों को खड़ा नहीं किया जा सकता है. साकेत गौरव ने सरकार से इस मामले में ध्यान देने का आग्रह जरूर किया है.

Tags: Bihar News, Nitish Government

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