पटना. बिहार लोक सेवा आयोग यानी बीपीएससी पेपर लीक कांड की जांच के दायरे में अब एनआईटी के पास आउट कुछ और छात्र भी शामिल हो सकते हैं. पेपर लीक कांड की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी से इस बात के संकेत मिल चुके हैं. दरअसल कदमकुआं थाना क्षेत्र के लोहानीपुर में कंट्रोल रूम चलाने वाले सॉल्वर गिरोह का सरगना आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव एनआईटी से स्नातक पास है. वो फिलहाल फरार चल रहा है. आर्थिक अपराध इकाई के सूत्रों की मानें तो लोहानीपुर में उपकरणों और मोबाइल फोन की जांच के दौरान एनआईटी से पास आउट युवकों के आनंद की निकटता की जानकारी मिली है.
बीपीएससी परीक्षा और पेपर लीक की घटना के दौरान इन नंबरों पर आनंद उर्फ पिंटू यादव और उसके गिरोह के सदस्यों से कुछ एनआईटी पास युवकों ने बातचीत की है. अभी जांच टीम के पास पर्याप्त साक्ष्य नहीं है लेकिन वह इस दिशा में काम कर रही है. इस बात की संभावना जताई जा रही है कि जल्दी ही कुछ लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. इसे लेकर तकनीकी अनुसंधान जारी है. दरअसल जांच टीम को इस बात का शक है कि एनआईटी पास आउट छात्रों का इस्तेमाल स्कॉलर के रूप में किया गया है.
एसआईटी को यह अंदेशा है कि गिरोह के सदस्यों ने वायरल प्रश्न पत्र को सॉल्व करने के मकसद से इन छात्रों की मदद ली है. इसके बदले में इन्हें मोटी राशि दिए जाने की भी बात सामने आ रही है, साथ ही राजधानी के कुछ कोचिंग संचालक और युवकों को स्कॉलर की भूमिका में भी चिन्हित कर जांच की जा रही है. अब आर्थिक अपराध इकाई एक आईएएस के करीबी शिक्षक कृष्ण मोहन सिंह को रिमांड पर ले सकती है.
कृष्ण मोहन सिंह वैशाली केंद्रीय विद्यालय का शिक्षक रहा है जो आईएएस अफसर का पैतृक घर है. इसके अलावा बीपीएससी की तैयारी कराने वाले निशिकांत राय और नाला रोड से गिरफ्तार किए गए सॉल्वर गैंग के सदस्य अमित सिंह से भी पूछताछ के लिए रिमांड की अपील की जा सकती है.
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