रिपोर्ट- विक्रम कुमार झा
पूर्णिया. मां पुरण देवी मंदिर के अद्भुत रहस्यों को आप शायद जानते होंगे, लेकिन इस मंदिर परिसर में बने पोखर का रहस्य बहुत खास हैं. मां पुरण देवी मंदिर के पुजारी परमानंद मिश्र बताते हैं कि इस मंदिर को आज से लगभग 600 साल पूर्व महात्मा हकीमनाथ को माता ने स्वप्न में आकर मंदिर निर्माण कराने को कहा और उसी समय महात्मा हकीमनाथ ने माता पुरणदेवी की दसो महाविद्या की प्रतिमा को पोखर से निकालकर स्थापना करने लगे. जिस दौरान माता को प्रसन्न करने के लिए हर कदम पर बलि चढ़ाकर मां को- मंदिर में स्थापित किया. मां के मंदिर में बने पोखर में जो महिलाएं नियम पूर्वक प्रातः स्नान कर पूजा आराधना करती हैं निश्चित ही संतान के साथ सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
संतान धन की प्राप्ति नियम का पालन जरूरी
पंडित जी कहते है कि जिन महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति करनी हो उनको कुछ नियम से पूजा करनी होगी. पति के साथ मंदिर में आकर सूर्योदय के समय इस पोखर में दोनों को स्नान कर अपने पुराने वस्त्रों को छोड़कर नये वस्त्र धारण कर बिना पीछे मुड़े चुपचाप माता पुरण देवी की पूजा कर वापस चले जाएं. निश्चित ही संतान सुख की प्राप्ति होगी. इसके साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी. पंडित जी कहते हैं माता की कृपा से अब तक लाखों ऐसी महिलाओं ने मां केआशीर्वाद से संतान प्राप्त किया है.
नेपाल के श्रद्धालुओं ने बताई मंदिर की विशेषताएं
नेपाल के विराटनगर से आये श्रद्धालु अबीर सेन गुप्ता व विपुलेन्द्र चक्रवर्ती ने भी माता पुरण देवी मंदिर के खूब विशेषताएंगिनाये.उन्होंने कहा इस मंदिर की बहुत ऐतहासिक कहानी है. जिसे कहते कहते लंबे समय लगेगा,फिर भी कम ही होगा. उन्होंने कहा मंदिर में सभी व्यवस्था ठीक हैं लेकिन साफ सफाई पर और ध्यान देने की जरूरत हैं. वहीं आसाम से आये श्रद्धालु महिला चुनमून ने कहा कि उन्होंने माता पुरण देवी के रहस्यो के बारे में खूब सुना और वो असाम से चलकर पूर्णिया माता पुरण देवी मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की और अपनी मनोकामनाएं मांगी.
पुरण देवी माता के नाम पड़ा जिला पूर्णिया, जानें कहानी
मंदिर के पुजारी पंडित नकुल जी और सुबोध मिश्र कहते हैं कि पूर्णिया जिले का नाम भी मां पुरण देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है. जिसकी बहुत मान्यताएं हैं. इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों का निश्चित ही मनोकामना पूर्ण होती हैं. महिलाओं को पुत्र धन की प्राप्ति होती है. उन्होंने कहा माता संतान के साथ कई मनोकामनाएं पूर्ण करती है. वहीं जिनको पुत्र रत्न प्राप्त करने की मनोकमाना है, वह बताई गई विधि से पूजा कर अपनी सूनी गोद को भर सकते हैं. माता रानी की कृपा अवश्य होगी. उन्होंने कहा की यह मंदिर सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. मां की महिमा भी अपरमपार है.
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