पूर्णिया. बिहार के दरभंगा के अलावा अब पूर्णिया का मखाना (Purnia Makhana- Fox nut) भी देश-विदेश में अपना स्वाद बिखेर रहा है. पूर्णिया के दो युवा उद्यमियों मनीष मेहता और सुमित मेहता ने विदेश की अपनी नौकरी छोड़कर भारत सरकार के स्टार्टअप और एमएसएमई योजना के तहत मखाना का व्यवसाय शुरू किया था. आज यह दोनों फार्म टू फैक्ट्री नाम से चला रहे मखाना प्रोसेसिंग, मेन्यूफेक्चरिंग और मार्केटिंग में 50 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं. इनका मखाना एक छोटे से गांव रहुआ से अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में पहुंच रहा है. मनीष मेहता किसानों का समूह बना कर मूल्य संवर्धन आधारित मखाना उद्योग लगा कर अपने उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय मार्केट में पहुंचा पूर्णिया का मखाना
पिछले महीने दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इनके द्वारा लगाए गए मखाना के स्टाल को लोगों ने खूब सराहा था. पूर्णिया जिले के सुदूर गांव रहुआ में किसानों के सहयोग से मनीष और सुमित ने फार्म टू फैक्ट्री नाम से मखाना आधारित उद्योग लगा कर यहां के मखाना को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचा दिया है. किसी समय होटल में शेफ की नौकरी करने वाले मनीष ने अपने साले सुमित के साथ मिलकर गांव में ही मखाना का कारोबार शुरू किया. उन्होंने खेत से लेकर उत्पादन तक, निर्माण से लेकर बाजार तक मखाना में अपनी पहचान बनाई है.
मनीष मेहता ने बताया कि उन्होंने 22 किसानों का समूह बनाकर 50 एकड़ में मखाना की खेती शुरू की थी. फिर गांव में ही फार्म टी फैक्ट्री बनाकर मखाना का प्रोसेसिंग यूनिट लगाया. आज उनके यहां स्ट्रॉबेरी, बादाम, कुल्फी, टोमेटो समेत कई फ्लेवर में मखाना बनता है. यहां से तैयार किया मखाना अमेरिका, यूरोप और आस्ट्रेलिया तक जाता है. उन्होंने कहा कि हाल में दिल्ली में लगे इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में उन्होंने मखाना का स्टाल लगाया था जिसकी खूब सराहना हुई.
लोगों को इससे मिल रहा है रोजगार
वहीं, सुमित ने कहा कि उन्होंने गांव में फैक्ट्री लगाकर यहां के साठ से अधिक लोगों को रोजगार दिया है. महज चार साल में उनकी फैक्ट्री अच्छी चल गई है. किसानों को भी उनके उत्पाद का अच्छा दाम मिल जाता है. सुमित और मनीष ने कहा कि सरकार के स्टार्टअप और एमएसएमई योजना से उन्हें काफी मदद मिली.
भारत सरकार ने मखाना का जीआई टैगिंग कर और पूर्णिया के मखाना को गजट में शामिल कर नई पहचान दी है, जिसका नतीजा है कि आज पूर्णिया के उद्यमी अपने मखाना को देश विदेश तक पहुंचा रहे हैं. वहीं, फार्म टू फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूर सुमन और प्रमोद कुमार कहते हैं कि पहले वो लोग दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में जाते थे. लेकिन अब उनको गांव में ही रोजगार मिल रहा है. साथ ही अच्छी आमदनी भी हो रही है. इस काम से वो काफी खुश हैं.
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