रिपोर्ट: विक्रम कुमार झा
पूर्णिया. लोक आस्था के महापर्व चैती छठ पर लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. शहर के ततमा टोली स्थित छठ पोकर समीप बने सूर्य मंदिर जो पूर्णिया के ऐतिहासिक मंदिरों में एक है. यहां बने तालाब में सूर्य उपासना के साथ डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर व्रती महिलाओं ने अलग-अलग मनोकामनाएं मांगीं.
रूपा देवी, रूबी कुमारी एवं अन्य छठ व्रतियों ने बताया कि आज सूर्य देव को संध्या अर्घ्य दिया गया है. कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर से अपनी मनोकामनाएं मांगी जाएगी. बताया कि सूर्य मंदिर के घाट पर मनोरम दृश्य रहा. तालाब के सामने साक्षात सूर्य मंदिर होने से उन्हें काफी अच्छा लगता है.
वहीं इस मंदिर परिसर में बने तालाब में पूर्णिया की अलग-अलग जगह से आए लोग छठ पर्व को धूमधाम से मनाते रहे और भगवान भास्कर को प्रसन्न के लिए पूजा की. छठ व्रती ने कहा कि उन्होंने भगवान भास्कर से मनोकामनाएं मांगते हुए कहा कि उनके परिवार में सुख शांति समृद्धि बनी रहे.
सूर्य कुंड में लगती है भीड़
सूर्य मंदिर पूजा समिति के सदस्य योगेंद्र दास कहते हैं कि कई ज्योतिष एवं अनुभवी लोगों के द्वारा इस मंदिर के आगे बने तालाब को सूर्यकुंड भी कहते हैं. जहां लोग दूर-दूर से आकर आस्था महापर्व छठ को मनाते हैं. भगवान भास्कर से अपनी आराधना कर अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं. उन्होंने कहा कि कार्तिक मास में होने वाले छठ महापर्व में तालाब पर लोगों की भीड़ लगी रहती है. मंदिर परिसर में भी आने के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है.
मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण
मंदिर समिति के सदस्य वरुण कुमार कहते हैं यह मंदिर पूर्णिया का ऐतिहासिक मंदिर है. यहां आने के बाद निश्चित ही मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही साथ यह साक्षात ईश्वर या प्रकृति दोनों के दर्शन होते हैं. लोग चैती छठ पर आते हैं और छठ महापर्व को मनाते हैं.
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