और पटना के बाद बालिका गृह के कुकर्मों की सूची में एक और नाम जुड़ता दिख रहा है. वह नाम पूर्णिया बालिका गृह का है. इस बालिका गृह में रहने वाली दो बहनों ने बालिका गृह की अधीक्षिका और सहरसा के तत्कालीन बाल संरक्षण पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी पर यौन शोषण करने और करवाने का आरोप लगाया है. दोनो बहनें कोसी त्रासदी में अनाथ हो गईं थीं.
इन बहनों की कहानी भी काफी दर्दनाक है. 2008 के कोसी त्रासदी में इनके माता-पिता की मौत हो गई. बूढ़ी दादी एक सहारा थी. परिवार की लाचारी देखते हुए ग्रामीणों के सहयोग से सभी 6 भाई-बहन को सहरसा के एक अनाथालय में डाल दिया गया लेकिन 17 सितंबर 2017 को सहरसा जिला प्रशासन ने इस अनाथालय को बंद करवा दिया जिसके बाद 4 में से 2 बहनों को पूर्णिया बालिका गृह भेज दिया गया जबकि दो भाई को सहरसा के बाल गृह में रखा गया.
पूर्णिया जाते ही इन बहनों के साथ यौन शोषण का खेल शुरू हो गया. अब इन बच्चियों ने पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है.
वहीं, सभी पीड़ित बच्चे मधेपुरा सांसद पप्पू यादव से भी मिलकर अपनी आपबीती सुनाई. इस मुद्दे पर सांसद पप्पू यादव ने कहा कि इस मामले को भी सीबीआई जांच के दायरे में लाने की मांग की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2018, 18:40 IST