रोहतास. रोहतास और औरंगाबाद पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए पिछले चार सालों से फरार चल रहे कुख्यात इनामी नक्सली विजय आर्य को गिरफ्तार कर लिया है. उसकी गिरफ्तारी रोहतास थाना के समहुता के पास से हुई है. साथ में पुलिस ने उसके शागिर्द नक्सली उमेश चौधरी को भी पुलिस ने धर दबोचा है. विजय आर्या गया जिला के कोंच थाना क्षेत्र का रहने वाला है तथा गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, कैमूर तथा रोहतास जिला के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सली वारदातों में इसकी संलिप्तता रही है. यह इनामी नक्सली है तथा पिछले कई दिनों से रोहतास के पहाड़ी इलाके में अपने संगठन को विस्तार करने में लगा था खासकर भाकपा माओवादी के सोन-गंगा विंध्याचल कमेटी के विस्तार में.
पुलिस को जब यह सूचना मिली तो विशेष टीम का गठन किया गया और औरंगाबाद पुलिस के सहयोग से रोहतास पुलिस ने इसे धर दबोचा. इसके पास से टैब, पेन-ड्राइव, हार्ड डिस्क, नक्सली पर्चा, लेवी की रसीद, भाकपा माओवादी का लेटर हेड के अलावे कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं.
भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी के सोन-गंगा विंध्याचल कमेटी का हैं प्रमुख
अपने स्वीकारोक्ति बयान में विजय आर्य ने बताया है कि केंद्रीय कमेटी के द्वारा रोहतास तथा आसपास के इलाके में सुस्त पड़े संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए उसे भेजा गया है. खासकर सोन-गंगा विंध्याचल कमेटी के पुराने लोगों को एकत्र कर नए लोगों को जोड़ने के लिए वे पिछले कई दिनों से रोहतास के पहाड़ी इलाके में रह रहा था ताकि संगठन को इलाके में फिर से मजबूत किया जाए. लगातार सरकार के मुस्तैदी के बाद रोहतास जिला में नक्सली वारदातों पर अंकुश लगा है. ऐसे में कई दुर्दांत नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद संगठन फिर से इलाके में अपना प्रभाव जमाना चाहती है.
क्या बोले रोहतास एसपी
रोहतास के एसपी आशीष भारती ने प्रेस वार्ता कर बताया कि लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक नक्सली वारदातों में इसकी संलिप्तता रही है. गया, औरंगाबाद, जहानाबाद और रोहतास जिला में इसने कई नक्सली वारदातों को अंजाम दिया है और आगे भी नक्सली घटना को अंजाम देने की फिराक में था. एसपी ने बताया कि इसकी गिरफ्तारी से इलाके में नक्सलियों का नेटवर्क टूट जाएगा.
आधा दर्जन से अधिक नामों से पुकारा जाता था विजय को
दुर्दांत नक्सली विजय आर्य गया जिला के कोच थाना के करमा गांव का रहने वाला है. उसने डेढ़ दर्जन से अधिक नक्सली वारदातों को अंजाम दिया है. पुलिस को सूचना थी कि यह इन दिनों छत्तीसगढ़ तथा झारखंड के इलाके में डेरा डाले हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस भी इसकी तलाश में थी. बता दें कि अपने को छुपाए रखने के लिए विजय आर्य समय समय पर अपना नाम बदलता रहता था. दिलीप, अमर, यशपाल जी प्रभात, रमन जी, श्रवण जी सहित कई नामों से लोग इसे बुलाते थे. मुख्यतः अपने साथी राजेश गुप्ता के साथ नक्सलियों के कोयल संघ जोन को मजबूत करने के इरादे से वह इलाके में आया था. लेकिन पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
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