रविवार को सासाराम में आसनसोल-वाराणसी पैसेंजर ट्रेन में बुराइयां बताकर गुटका बेचता वेंडर,
सासाराम. किसी भी व्यवसायी के लिए अपना प्रोडक्ट बेचना सबसे टेढ़ी खीर होता है. इसके लिए वह तरह-तरह से माथापच्ची करता है. अपने प्रोडक्ट की क्वॉलिटी बताने वाले विज्ञापन पर लाखों खर्च करता है. इन सब से उलट नजारा सासाराम अनुमंडल में देखने को मिला. रविवार को सासाराम में आसनसोल-वाराणसी पैसेंजर ट्रेन में एक वेंडर नायाब तरीके से पान-मसाला और गुटका बेचता देखा गया. यह वेंडर आसनसोल से वाराणसी जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में गुटखा की बुराइयां बताते हुए गुटका बेच रहा था. वह जोर-जोर से चिल्ला रहा था कि गुटखा खाओ और कैंसर बुलाओ. घर के जो नशेड़ी और नालायक हैं, यहां आकर मेरा गुटखा जरूर खरीदें. जिन्हें अपनी जिंदगी से प्यार नहीं है या मौत का इंतजार है. वे आएं और गुटखा खाए. वह चिल्ला रहा था कि जहर ले लो… जहर ले लो…, गुटखा खाओ और कैंसर रोग से मात्र एक महीने में मर जाओ. अपना दांत काला कर लो, गले का रोग मुफ्त में पाए.
गुटखा बेचने के इस अजीबोगरीब तरीके को देखकर लोग हंस रहे थे और अपना मनोरंजन कर रहे थे. आश्चर्य की बात यह कि वह वेंडर साफ तौर पर गुटखे को जहर बताता रहा और लोग हंसकर उससे सामान खरीदते दिखे. गुटखा खाने से होनेवाले नुकसान का प्रचार यह वेंडर चिल्ला-चिल्लाकर करता रहा. वह कह रहा था कि जो भी नालायक है, नशेड़ी हैं, अपने अभिभावक की बात नहीं मानते हैं, जिनको अपनी जिंदगी प्यारी नहीं है, वे मेरा गुटखा खाएं और एक महीना में कैंसर का रोगी होकर मर जाएं.
गुटखा बेचने के इस अजीबोगरीब तरीके से यात्री भौंचक थे. सासाराम से चंदौली की यात्रा कर रहे यात्री संदीप कुमार गुप्ता कहते हैं कि गुटखा को लेकर वेंडर ने जो बातें कहीं, वह कोई नई बात नहीं है. यह तो हम सब जानते हैं. हां, पर गुटखा बेचने का उसका अंदाज जरूर नया था. रोहतास जिले के संझौली के बेनसागर के रहनेवाले विरेंद्र कुमार कहते हैं कि गुटखा बेचने वाला युवक की बातें सुनकर सभी यात्री हतप्रभ थे. साथ ही ट्रेन में जो महिलाएं यात्रा कर रही थीं, वह उसके गुटखा बेचने के अंदाज पर खुद को हंसने से नहीं रोक पाईं. गुटखा बेचने वाले की हिम्मत की दाद देनी होगी. बता दें कि यह वेंडर सासाराम से चलकर भभुआ रोड स्टेशन पर उतर गया. लेकिन यात्रियों के बीच गुटका बेचने का उसका तरीका चर्चा में बना रहा.
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