शर्मनाक: अस्पताल ने नहीं दी गाड़ी तो बच्चे के शव को बाइक से ले गए परिजन

सहरसा में बच्चे के शव को बाइक से ले जाते परिजन
बात यहीं तक नहीं जब पोस्टमार्टम का दरवाजा किसी ने नहीं खोला तो परिजनों ने खुद से ही पोस्टमार्टम रूम का दरवाजा खोला और शव को अंदर रखा.
- News18 Bihar
- Last Updated: August 13, 2019, 4:48 PM IST
बिहार के सहरसा (Saharsa) से मानवता (Humanity) को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. यहां मृत बच्चे (Dead Body) के परिजनों को अस्पताल प्रबंधन (Hospital Management) द्वारा शव वाहन तक मुहैया नहीं कराया गया जिसके बाद परिजन शव (Dead Body) को बाइक (Bike) से ही पोस्टमार्टम रूम तक लेकर गए.
स्ट्रेचर तक नहीं कराया मुहैया
परिजनों के मुताबिक उन लोगों ने प्रबंधन से स्ट्रेचर की मांग भी की लेकिन वो भी नहीं दिया गया. इस दौरान बच्चे के शव पोस्टमार्टम के बाहर तकरीबन एक घंटे तक अपने हाथ में लिये परिजन खड़े रहे. बात यहीं तक नहीं जब पोस्टमार्टम का दरवाजा किसी ने नहीं खोला तो परिजनों ने खुद से ही पोस्टमार्टम रूम का दरवाजा खोला और शव को अंदर रखा.
आंधी से हुई थी मौतजानकारी के मुताबिक बच्चे की मौत जिले में आई आंधी-तूफान से हुई थी. दरअसल सोमवार की शाम तेज आंधी में 7 वर्षीय बच्चे के शरीर पर घर का पिलर गिर गया था. परिजन जख्मी बच्चे को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले आए लेकिन कल ही देर शाम इस बच्चे की मौत हो गई थी.
रात भर भटकते रहे परिजन
मृत बच्चा सदर थाना क्षेत्र के मतस्यगंधा के समीप किराये के मकान में रहता था. बच्चे की मौत के बाद उसके परिजन रात भर शव को लेकर पोस्टमार्टम के लिए भटकते रहे बावजूद उन्हें शव वाहन नहीं मिला. गाड़ी न मिलने के बाद लाचार परिजनों ने शव को हाथों में लिया और बाइक से उसका पोस्टमार्टम करवाने गए. इस पूरे मामले पर सहरसा के सिविल सर्जन ललन प्रसाद सिंह ने घटना को दुखद बताते हुए कार्रवाई करने की बात कही है.
इनपुट- कुमार अनुभव
ये भी पढ़ें- 'कश्मीर पर मुस्लिमों को भड़काने की कोशिश कर रहे चिदंबरम'
ये भी पढ़ें- दिनदहाड़े विधवा महिला पर ताबड़तोड़ फायरिंग, मौके पर हुई मौत
स्ट्रेचर तक नहीं कराया मुहैया
परिजनों के मुताबिक उन लोगों ने प्रबंधन से स्ट्रेचर की मांग भी की लेकिन वो भी नहीं दिया गया. इस दौरान बच्चे के शव पोस्टमार्टम के बाहर तकरीबन एक घंटे तक अपने हाथ में लिये परिजन खड़े रहे. बात यहीं तक नहीं जब पोस्टमार्टम का दरवाजा किसी ने नहीं खोला तो परिजनों ने खुद से ही पोस्टमार्टम रूम का दरवाजा खोला और शव को अंदर रखा.
आंधी से हुई थी मौतजानकारी के मुताबिक बच्चे की मौत जिले में आई आंधी-तूफान से हुई थी. दरअसल सोमवार की शाम तेज आंधी में 7 वर्षीय बच्चे के शरीर पर घर का पिलर गिर गया था. परिजन जख्मी बच्चे को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले आए लेकिन कल ही देर शाम इस बच्चे की मौत हो गई थी.
रात भर भटकते रहे परिजन
मृत बच्चा सदर थाना क्षेत्र के मतस्यगंधा के समीप किराये के मकान में रहता था. बच्चे की मौत के बाद उसके परिजन रात भर शव को लेकर पोस्टमार्टम के लिए भटकते रहे बावजूद उन्हें शव वाहन नहीं मिला. गाड़ी न मिलने के बाद लाचार परिजनों ने शव को हाथों में लिया और बाइक से उसका पोस्टमार्टम करवाने गए. इस पूरे मामले पर सहरसा के सिविल सर्जन ललन प्रसाद सिंह ने घटना को दुखद बताते हुए कार्रवाई करने की बात कही है.
इनपुट- कुमार अनुभव
ये भी पढ़ें- 'कश्मीर पर मुस्लिमों को भड़काने की कोशिश कर रहे चिदंबरम'
ये भी पढ़ें- दिनदहाड़े विधवा महिला पर ताबड़तोड़ फायरिंग, मौके पर हुई मौत