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Saharsa News : कोसी के ‘काशी’ में हर सप्ताह बैठती है धर्मसभा, 131 वर्षों से संत लक्ष्मी नारायण ही हैं अध्यक्ष

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धर्मसभा

धर्मसभा में बैठे लोग.

बनगांव का बाबाजी कुटी इसके आसपास के गांव के लोगों के लिए तीर्थ स्थान है. यहां का शांत माहौल धर्म के साथ-साथ लोगों को आध ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट-मो. सरफराज आलम

सहरसा. जिले के बनगांव का बाबाजी कुटी दुनियाभर में प्रसिद्ध है. बिहार का यह एक ऐसा मंदिर है, जहां पिछले 131 वर्षों से धर्मसभा आयोजित की जाती है. यह धर्म सभा प्रत्येक रविवार को आयोजित होती है. इस धर्मसभा की खासियत यह है कि इंसान नहीं, बल्कि संत लक्ष्मी नारायण इस धर्मसभा के अध्यक्ष हैं. एक व्यास जरूर होते हैं, जो धर्मसभा की कार्रवाई को एक तय क्रम में आगे बढ़ाते हैं.

इसमें वे वेद, वेदांत, पुराण और स्तूति का पाठ करते हैं और फिर उसकी व्याख्या भी करते हैं. इसके बाद धर्म शास्त्रों के ज्ञान के माध्यम से सामाजिक शिक्षा दी जाती है. फिर धर्मसभा में मौजूद गणमान्य लोगों से भी उनके विचार रखने को कहा जाता है.

हर रविवार को लगती है धर्मसभा

बनगांव में धर्मसभा की शुरूआत वर्ष 1891 में हुई थी. इसके बाद से यह धर्मसभा अनवरत लगते आ रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि वर्ष 1984 या फिर 2008 की बाढ़ हो, लोग इस धर्मसभा में आते रहे थे. तभी तो कोशी का काशी कहे जाने वाले मिथिलांचल के बनगांव की धर्मशाभा कभी नहीं रुकी. संस्कृत आचरण और सामाजिक कर्तव्यों की चर्चा को लेकर होने वाले इसधर्म सभा का आयोजन प्रत्येक रविवार को होता है.

बनगांव का बाबाजी कुटी इसके आसपास के गांव के लोगों के लिए तीर्थ स्थान है. यहां का शांत माहौल धर्म के साथ-साथ लोगों को आध्यात्म और चिंतन की ओर आकर्षित करता है. तभी जो कोई इस रास्ते से गुजरता है, कुछ मिनटों के लिए इस कुटी पर जरूर बैठता है. मन को असीम शांति मिलती है.

सभी वर्ग के लोग होते हैं शामिल

पंडित मणिकांत झा बताते हैं कि इस धर्मसभा में आने के लिए लोग उत्साहित रहते हैं. लोग प्रत्येक रविवार का इंतजार भी करते हैं. इसमें सभी वर्ग के लोग शामिल होते हैं. उन्हें सनातन धर्म के बारे में विस्तार से बताया जाता है. इसके साथ-साथ इस धर्मसभा में पाठ भी पढ़ा जाता है. तो अगर आप भी वेद, वेदांत, पुराण और स्तुति पाठ की व्याख्या सुनना चाहते हैं, धर्म शास्त्रों के ज्ञान के माध्यम से सामाजिक शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं और उसपर अपना विचार रखना चाहते हैं, तो वीकेंड पर यहां आ सकते हैं.

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