रिपोर्ट- मो. सरफराज आलम
सहरसा. बिहार की एक और बेटी का नाम पूरे देश और दुनिया में गूंजने लगा है. लक्ष्मी ने ऐसा काम किया है जिसे सुनकर हर कोई दांतों तले अंगुली दबा रहा है. दरअसल, सहरसा जिले के बनगांव की रहने वाली लक्ष्मी ने बीते दिनों एवरेस्ट के बेस कैंप पर तिरंगा लहराया था. लक्ष्मी का अभियान यहीं तक नहीं रुका है. दक्षिण अफ्रीका के सबसे ऊंचे पहाड़ किलिमंजारो पर तिरंगा लहराने वाली बिहार की पहली बेटी भी हैं. चार माह बाद लक्ष्मी जब अपने घर गांव पहुंची तो लोगों ने भी उन्हें खूब बधाई दी. NEWS 18 लोकल से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार की बेटियां अब किसी क्षेत्र में पीछे नहीं है.
पिता की मौत के बाद मां ने संभाला घर
लक्ष्मी की इस सफलता में उनकी मां सरिता देवी का काफी सहयोग रहा है. दरअसल, लक्ष्मी जब छोटी थी, तो उन्हीं दिनों उनके पिता विनोद झा की मौत हो गई. वह चार भाई-बहन में सबसे छोटी है. पिता की मौत के बाद रोजी-रोटी का कोई सहारा नहीं था तो उनकी मां गांव के ही कई घरों में चूल्हा-चौका संभाल कर परिवार चलाती रही. बाद के दिनों में बड़े भाई श्याम ने गांव में ही किताब की दुकान खोल ली, जबकि लक्ष्मी ने पढ़ाई जारी रखी. जिसके बाद उन्हें यह मन में ख्याल आया कि क्यों ना माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर तिरंगा झंडा लगाया जाए.
ब्लैक माउंटेन पर चढ़ाई करने का है प्लान
लक्ष्मी बताती हैं कि इस अभियान पर निकलने से पहले उसने राज्य सरकार से सहयोग मांगा. मदद नहीं मिलने पर उन्होंने भाजपा के पूर्व सांसद आरके सिन्हा से सहयोग लिया. इससे लक्ष्मी के सपनों को पंख लग गए. लक्ष्मी अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी मां और पूर्व सांसद आरके सिन्हा को दे रही है. उन्होंने बताया कि अगर उन्हें सहयोग नहीं मिलता तो आज इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाती. लक्ष्मी यह भी बताती हैं कि वह आगे ब्लैक माउंटेन पर चढ़ाई करने का प्लान बना रही है, जिसकी ऊंचाई साढ़े 6 हजार मीटर है. लक्ष्मी बताती हैं कि अगर सरकार का सहयोग बेटियों को मिलता रहा, तो बेटियां हर मामले में आगे बढ़ सकती है.
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