मो. सरफराज आलम
सहरसा. क्या आप जानते हैं कि लगातार ट्रेन के चलने के कारण उसके पहिए में कभी कोई मरम्मत की जरूरत होती है भी या नहीं. तो आज हम आपको बताते हैं कि ट्रेन के पहिए की भी मरम्मत की जरूरत होती है. अगर समय-समय पर मरम्मत ना हो तो दुर्घटना भी घट सकती है. इन्हीं दुर्घटनाओं को रोकने के फरवरी के अंतिम सप्ताह तक पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर डिवीजन में सहरसा रेलवे स्टेशन और दरभंगा रेलवे स्टेशन सीएनसी लेथ मशीन से लैस होने जा रहा है . इस सीएनसी लेथ मशीन के लगने के बाद कम समय में हीं रेल कोच के पहिए का मेंटेनेंस हो सकेगा.
हाजीपुर जोन के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि फरवरी के अंत तक सहरसा में सीएनसी लेथ मशीन से कार्य शुरू कर दिया जाएगा. एक मशीन की कीमत लगभग 7 करोड़ रुपये है और यह मशीन सहरसा जंक्शन पहुंच गया है. रेल सूत्रों की मानें तो एक सीएनसी लेथ मशीन की खरीदारी और शेड बना कर तैयार करने पर रेलवे को कुल 12 करोड़ खर्च करना पड़ रहा है .
3500 वर्ग फीट में बनाया गया है शेड:
सीएनसी लेथ मशीन लगाने के लिए फिलहाल वॉसिंग पिट के पास ही लगभग 3500 स्क्वायर फीट का शेड बनाया गया है. इसमें इलेक्ट्रिफिकेशन से लेकर पटरी बिछाने तक का काम शामिल है . इसके बाद इस मशीन को इंस्टॉल कर दिया जाएगा.सीएनसी लेथ मशीन इंस्टॉल होने के बाद ट्रेन कोच के मेंटेनेंस में समय और पैसे की बचत होगी
रिपेयरिंग के लिए भेजा जाता है गोरखपुर या हरनौत:
सीएनसी लेथ मशीन को इंस्टॉल होने के बाद रेल चक्का मेंटेनेंस के लिए गोरखपुर और हरनौत कारखाना नहीं भेज जाएगा. बता दें कि सहरसा जंक्शन से प्रतिदिन 30 से अधिक एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होता है . इसमें सप्ताहिक ट्रेन भी शामिल है. रेल विभाग के आंकड़ों के मुताबिक हर महीनें 10 से 12 रेल चक्का डैमेज होता है. अभी इसे मेंटेनेंस के लिए गोरखपुर और हरनौत कारखाना भेजा जाता है.
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