SAHARSA NEWS: नाट्यशास्त्र शिक्षक और कत्थक नृत्य गुरु रोहित झा को उड़ीसा में मिला विशेष सम्मान
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नाट्यशास्त्र विषय के शिक्षक रोहित झा को शास्त्रीय नृत्य कथक में विशेष योगदान देने के लिए उड़ीसा राज्य के राउरकेला में विशेष सम्मान से नवाजा गया.
उड़ीसा में विशेष सम्मान से सम्मानित हुए सहरसा के नाट्यशास्त्र विषय शिक्षक रोहितमो सरफराज/सहरसा. सहरसा के नाट्यशास्त्र शिक्षक रोहित झा को उड़ीसा के राउरकेला में शास्त्रीय नृत्य कथक में विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया. नृत्य मधुरम, राउरकेला और अलपद्मा, सेंटर ऑफ डांस एंड रिसर्च, बंगलोर की ओर से आयोजित नृत्य पद्मा, इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ डांस एंड म्यूजिक 2025 में रोहित झा को आमंत्रित किया गया था, यहां उन्होंने अपनी एकल प्रस्तुति दी. इस कार्यक्रम में उनकी अविस्मरणीय प्रस्तुति के लिए आयोजकों और कला प्रेमियों ने उनकी खूब सराहना की.
रोहित झा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में न केवल भाग लिया बल्कि पहला स्थान प्राप्त कर कथक के क्षेत्र में नाम कमाया. वे जिले के पहले युवक हैं जिन्होंने शास्त्रीय नृत्य कथक में विशेष योगदान दिया है. रोहित न केवल एक सरकारी शिक्षक हैं बल्कि छोटे-छोटे बच्चों को भी निशुल्क शास्त्रीय डांस सिखाते हैं. उनके सिखाए बच्चे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं.
दिल्ली से प्राप्त की शिक्षा
रोहित पुरुष वर्ग में बिहार के जानेमाने कथक नर्तक हैं. वर्तमान में वे बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, पड़री में नृत्य विषय के शिक्षक हैं. उन्होंने राष्ट्रीय कथक केंद्र (संगीत नाटक अकादमी की एक इकाई), नई दिल्ली से कथक की शिक्षा प्राप्त की है. शास्त्रीय नृत्य को बढ़ावा देने के लिए वे अपनी सरकारी सेवा से समय निकालकर छोटे बच्चों को नियमित रूप से कथक सिखाते हैं. इस विशेष सम्मान के लिए रोहित के माता-पिता पूनम झा और संदीप झा गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और समाज के सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए रोहित के कथक गुरु मां मालती श्याम को इसका सारा श्रेय देते हैं.
रोहित पुरुष वर्ग में बिहार के जानेमाने कथक नर्तक हैं. वर्तमान में वे बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, पड़री में नृत्य विषय के शिक्षक हैं. उन्होंने राष्ट्रीय कथक केंद्र (संगीत नाटक अकादमी की एक इकाई), नई दिल्ली से कथक की शिक्षा प्राप्त की है. शास्त्रीय नृत्य को बढ़ावा देने के लिए वे अपनी सरकारी सेवा से समय निकालकर छोटे बच्चों को नियमित रूप से कथक सिखाते हैं. इस विशेष सम्मान के लिए रोहित के माता-पिता पूनम झा और संदीप झा गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और समाज के सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए रोहित के कथक गुरु मां मालती श्याम को इसका सारा श्रेय देते हैं.
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