होम /न्यूज /बिहार /Samastipur: पॉक्सो अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम पर हुआ जागरूकता कार्यक्रम, बाल पीड़ितों की 2 श्रेणियां शामिल

Samastipur: पॉक्सो अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम पर हुआ जागरूकता कार्यक्रम, बाल पीड़ितों की 2 श्रेणियां शामिल

पॉक्सो अधिनियम व किशोर न्याय अधिनियम पर आयोजित कार्यक्रम में लोगो को किया जागरूक

पॉक्सो अधिनियम व किशोर न्याय अधिनियम पर आयोजित कार्यक्रम में लोगो को किया जागरूक

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिव ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम में बाल पीड़ितों की दो श्रेणियां शामिल हैं. पहला वो ...अधिक पढ़ें

    रितेश कुमार

    समस्तीपुर. जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं आशा सेवा संस्थान के द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार समस्तीपुर बटेश्वरनाथ पांडे एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार आकांक्षा कश्यप के मार्गदर्शन में जिला एवं सत्र न्यायालय में रविवार को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण पॉक्सो अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के बारे में एक दिवसीय संवेदीकरण-सह-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन शंभूपट्टी के एक निजी स्कूल में किया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के एचएम ने की. जबकि संचालन आशा सेवा संस्थान के सचिव अमित कुमार वर्मा ने किया.

    इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिव ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम में बाल पीड़ितों की दो श्रेणियां शामिल हैं. पहला वो जो कानून के साथ संघर्ष में हैं, जबकि दूसरा उन बच्चों से संबंधित है जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता रंजू चौधरी ने कहा इसका उद्देश्य उचित सुरक्षा और देखभाल के साथ बाल-सुलभ दृष्टिकोण के माध्यम से उनका सामाजिक पुन: एकीकरण सुनिश्चित करना है. एनजीओ संघ बिहार के सचिव अधिवक्ता संजय कुमार बबलू ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम में समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए नामित विशेष अदालतों के माध्यम से त्वरित सुनवाई का प्रावधान है.

    वहीं, आशा सेवा संस्थान के संरक्षक केशव किशोर प्रसाद ने कहा कि न केवल भेदक यौन कृत्य बल्कि यौन उत्पीड़न और अश्लील प्रयोजनों के लिए बच्चे का उपयोग करना भी इस लिंग तटस्थ अधिनियम के दायरे में आता है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के विद्यानंद चौधरी ने कहा कि दो कानूनों के विभिन्न प्रावधानों के कार्यान्वयन में पुलिस, बाल कल्याण समिति, चाइल्डकेयर सहित कई हितधारक संस्थानों, स्वास्थ्य पेशेवरों, न्यायिक अधिकारियों के साथ-साथ बार और मीडिया पेशेवरों के सदस्य का इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहता है.

    बता दें कि, पटना उच्च न्यायालय के किशोर न्याय सचिवालय ने विभिन्न जिला अदालतों को विशेष प्रशिक्षण पॉक्सो अधिनियम एवं नियमावली 2020, किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं बिहार किशोर न्याय नियमावली 2017 के क्रियान्वयन के संदर्भ में बाल यौन शोषण के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण मॉड्यूल सुनिश्चित करने के लिए कहा है. मौके पर ईडेन वेलफेयर ट्रस्ट के चेयरमैन ब्रजकिशोर कुमार, अधिवक्ता सुधीर कुमार श्रीवास्तव, चंदन चौधरी वाइस प्रिंसिपल, शशिकांत शेखर, एडमिन ऑफिसर के अलावे शिक्षक कर्मी एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया.

    Tags: Bihar News in hindi, Pocso act, Samastipur news

    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें