Karpuri Thakur Jayanti: 'जननायक' को भारत रत्न देने पर बोले सांसद पुत्र- सम्मान देना केंद्र का काम

KarpooriThakur: कर्पूरी ठाकुर को बिहार में जन नायक के नाम से भी जाना जाता है (फाइल फोटो)
Karpuri Thakur Birth Anniversary: 24 जनवरी 1924 को जन्मे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर एक बार जननायक को भारत-रत्न सम्मान से नवाजे जाने की चर्चाएं छिड़ीं.
- News18 Bihar
- Last Updated: January 24, 2021, 10:27 AM IST
समस्तीपुर. बिहार की सियासत और समस्तीपुर (Samastipur) की जब भी चर्चा होती है, तो सबसे पहले एक नाम सामने आता है, वह नाम है जननायक कर्पूरी ठाकुर (Former CM Karpuri Thakur) का. 'गुदड़ी के लाल' से मशहूर जननायक कर्पूरी ठाकुर की 97वीं जयंती राजकीय समारोह के साथ आज मनाई जा रही है. जननायक के विचार और दर्शन आज भी वर्तमान दौर के सियासतदानों को आईना दिखाती है. कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर एक बार फिर बिहार के जननायक को भारत रत्न सम्मान देने की चर्चा चल पड़ी है.
बिहार में चुनाव हो या राजनीतिक आयोजन, कर्पूरी ठाकुर का नाम लिए बिना वह सफल नहीं होता है. वर्तमान दौर की सियासत पर उनके साथ काम करने वाले कर्पूरी ठाकुर के सहयोगी रहे बनारसी ठाकुर कहते हैं कि आज की राजनीति कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा से बिल्कुल परे है. हालांकि सत्ता और विपक्ष के लोग उनके विचारधारा पर चलने की बात जरूर करते हैं, लेकिन उसे आत्मसात नहीं कर रहे हैं.
कर्पुरी ठाकुर के पुत्र और वर्तमान में राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर से जब जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि 1989 में जब भागवत झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री थे, तो दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजा गया. फिर लालू प्रसाद यादव के समय भी जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की अनुशंसा की गई. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में भी दोनों सदन से भारत रत्न देने का प्रस्ताव पास कर सरकार के पास भेजा गया. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया. यह केंद्र सरकार ही तय करेगी, वह तो सिर्फ मांग करेंगे.
जननायक के पैतृक गांव पितौझिया कर्पूरी ग्राम में रेलवे स्टेशन है, जिससे होकर कई ट्रेनें गुजरती हैं. ये ट्रेनें देश की राजधानी दिल्ली तक भी जाती हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर का ठहराव कर्पूरी ग्राम रेलवे स्टेशन पर नहीं है. वहां के लोगों का मांग है कि जननायक के जन्म भूमि पर भी राजधानी जाने वाली ट्रेनों का ठहराव हो. क्योंकि ट्रेनों का ठहराव नहीं होने के कारण यहां के लोगों को मुजफ्फरपुर या समस्तीपुर जंक्शन जाना पड़ता है. स्थानीय लोगों ने कहा कि जननायक की विचारधारा को लेकर राजनीति करने वाले दल हैं, उनके नेताओं को कर्पूरी ठाकुर के विचारों को सही मायने में लागू करना होगा, यही जननायक को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
बिहार में चुनाव हो या राजनीतिक आयोजन, कर्पूरी ठाकुर का नाम लिए बिना वह सफल नहीं होता है. वर्तमान दौर की सियासत पर उनके साथ काम करने वाले कर्पूरी ठाकुर के सहयोगी रहे बनारसी ठाकुर कहते हैं कि आज की राजनीति कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा से बिल्कुल परे है. हालांकि सत्ता और विपक्ष के लोग उनके विचारधारा पर चलने की बात जरूर करते हैं, लेकिन उसे आत्मसात नहीं कर रहे हैं.
भारत रत्न के सवाल पर बोले पुत्र रामनाथ
कर्पुरी ठाकुर के पुत्र और वर्तमान में राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर से जब जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि 1989 में जब भागवत झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री थे, तो दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजा गया. फिर लालू प्रसाद यादव के समय भी जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की अनुशंसा की गई. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में भी दोनों सदन से भारत रत्न देने का प्रस्ताव पास कर सरकार के पास भेजा गया. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया. यह केंद्र सरकार ही तय करेगी, वह तो सिर्फ मांग करेंगे.
कर्पूरी ग्राम रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के ठहराव की मांग
जननायक के पैतृक गांव पितौझिया कर्पूरी ग्राम में रेलवे स्टेशन है, जिससे होकर कई ट्रेनें गुजरती हैं. ये ट्रेनें देश की राजधानी दिल्ली तक भी जाती हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर का ठहराव कर्पूरी ग्राम रेलवे स्टेशन पर नहीं है. वहां के लोगों का मांग है कि जननायक के जन्म भूमि पर भी राजधानी जाने वाली ट्रेनों का ठहराव हो. क्योंकि ट्रेनों का ठहराव नहीं होने के कारण यहां के लोगों को मुजफ्फरपुर या समस्तीपुर जंक्शन जाना पड़ता है. स्थानीय लोगों ने कहा कि जननायक की विचारधारा को लेकर राजनीति करने वाले दल हैं, उनके नेताओं को कर्पूरी ठाकुर के विचारों को सही मायने में लागू करना होगा, यही जननायक को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.